इससे पहले की रिपोर्टों में कहा गया थी की शी ने अपने पिछले कार्यकाल में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार विरोधी अभियान भी चलाया था जिसमें दस लाख से अधिक अधिकारियों को सजा भी दी गई थी। वे तब पार्टी की सात सदस्यीय समीति को पांच में बदलना चाहते थे। शी के इसी विरोध में ऐसा माना जा रहा है कि शी के विरोध में कई आर्मी के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद नहीं थे।
उल्लेखनीय है कि शी जिनपिंग ने कम्युनिस्ट पार्टी की कांग्रेस सम्मेलन से कुछ दिन पहले पीएलए के शीर्ष नेतृत्व में फेरबदल किया था और सत्ताधारी पार्टी के कांग्रेस से ठीक पहले दुनिया की सबसे बड़ी सेना में अपनी ताकत को और बढ़ाते हुए शी ने उसमें नए जनरलों की नियुक्ति की थी।