चांदी शरीर से विष को अलग कर जीवन को स्वास्थ्य व समृद्ध बनाती है

चांदी शरीर से विष को अलग कर जीवन को स्वास्थ्य व समृद्ध बनाती है

हम अपने जीवन में कई धातुओं का उपयोग करते है, जिसमे से एक धातु चांदी भी है, जिसे धार्मिक दृष्टि से बहुत पवित्र व प्रभावशाली माना जाता है. चांदी व्यक्ति के जीवन में आभूषण, सिक्के, मूर्ती व बर्तन आदि कई प्रकार से उपयोग में लायी जाती है. चांदी के उपयोग से व्यक्ति अपने जीवन में सुख-समृद्धि व सम्पन्नता भी प्राप्त कर सकता है, तो आइये जानते है चांदी व्यक्ति के जीवन में किस प्रकार से उपयोगी है?चांदी शरीर से विष को अलग कर जीवन को स्वास्थ्य व समृद्ध बनाती है

चांदी बहुत महत्वपूर्ण है – चांदी का उपयोग हर व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण है, जिसे पवित्र व सात्विक धातु के रूप में जाना जाता है, इसकी उत्पत्ति के विषय में मान्यता है कि यह भगवान शिव के नेत्रों से उत्पन्न हुई थी. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चांदी का संबंध चन्द्र व शुक्र ग्रह से माना गया है. चन्द्र ग्रह से पीड़ित व्यक्ति को चांदी धारण करना शुभ होता है. व इससे शुक्र ग्रह को भी शांत किया जा सकता है. चांदी व्यक्ति के शरीर में जल तत्व का नियंत्रण करती है. तथा शरीर में विद्यमान विष को निष्काषित कर त्वचा को कांतिवान बनाती है.

चांदी का उपयोग- इसका उपयोग आभूषण व रिंग के रूप में किया जाता है, जिसे कनिष्ठिका उंगली में धारण करना उचित माना गया है. चांदी की रिंग को धारण करने से व्यक्ति को चन्द्र ग्रह की समस्याओं से मुक्ति मिलती है, चांदी को चैन के रूप में भी धारण किया जा सकता है जिससे व्यक्ति की वाणी शुद्ध होती है व उसके शरीर के हार्मोन्स भी संतुलित होते है. यदि चांदी का उपयोग कड़े के रूप में किया जाता है, तो इससे व्यक्ति को कफ, वात व पित्त आदि की समस्याओं से मुक्ति मिलती है. चांदी के गिलास में पानी पीने से व्यक्ति को कभी भी सर्दी-जुखाम की समस्या नहीं होती है.

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