गोरखपुर : खुद को पुलिस वाला बता कर लूट करने वाले बदमाशों को गिरोह पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है। चार माह में यह गिरोह पुलिस की वर्दी में चार वारदातें अंजाम दे चुका है। पुलिस उनका पता लगाने के लिए स्केच भी जारी कर चुकी है लेकिन अभी तक उनकी पहचान तक नहीं हो पाई है। पहचान न हो पाने की वजह से बदमाशों पर इनाम भी घोषित नहीं हो पा रहा है। इस गिरोह के बारे में पूछे जाने पर एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज उनके शीघ्र पकड़े जाने का भरोसा जरूर दिलाते हैं लेकिन अभी तक इस दिशा में पुलिस को कोई ठोस कामयाबी नहीं मिल पाई है।
कपड़ा व्यवसायी से की थी 7.50 लाख रुपये की लूट : खुद को पुलिस वाला बताकर इस गिरोह ने पहली बार कोलकाता से वसूली करने आए व्यापारी भाइयों से 7.50 लाख रुपये की लूट की थी। कोलकाता के फारखी रोड निवासी कपड़े के थोक कारोबारी नजरुल इस्लाम और उनके भाई महबूब हुसैन गोरखपुर वसूली करने आए थे। दोनों लोग कोतवाली क्षेत्र में रेती रोड स्थित एक होटल में ठहरे थे। 24 अक्टूबर 2017 को उन्हें कोलकाता वापस जाना था। सुबह दोनों लोग होटल से बाहर आए। इसी दौरान कुछ युवकों ने खुद को पुलिस वाला बताकर उन्हें पकड़ लिया और तलाशी लेने के बहाने रुपये लूटकर फरार हो गए। पास की एक दुकान में लगे सीसी टीवी कैमरे में यह घटना रिकार्ड हो गई थी। बाद में पुलिस ने स्केच भी जारी किया था।
ट्रांसपोर्टर के कर्मचारी से की 1.56 लाख रुपये की लूट : नकली पुलिस वालों के गैंग ने एक पखवारे के अंदर कोतवाली क्षेत्र में ही लूट की दूसरी वारदात को अंजाम दी थी। मधुबनी, बिहार के तेजनारायण यादव, कानपुर की एक ट्रांसपोर्ट कंपनी के कर्मचारी हैं। सात नवंबर 2017 में गोरखपुर वसूली करने आए थे। कोतवाली क्षेत्र में साहबगंज मंडी के दो व्यापारियों से 1.96 लाख रुपये वसूलने के बाद रात में आठ बजे वह रेलवे स्टेशन पर कानपुर के लिए ट्रेन पकड़ने जा रहे थे। साहबगंज मंडी से पैदल ही वह रेती रोड पर पहुंचे थे कि दो बाइक से आए चार युवकों ने खुद को पुलिस वाला बताकर उन्होंने बैग की तलाशी लेने के बहाने वसूली में मिली रकम लूट ली थी।
दारोगा बन प्रबंधक की पत्नी को लूटे : शाहपुर इलाके में 27 नवंबर 2017 को नकली पुलिस वालों ने दारोगा बनकर स्कूल प्रबंधक की पत्नी से गहने लूट लिए थे। प्रबंधक की पत्नी खरीदारी करने आई थीं। दुकान से निकल रही थीं उनको कुछ युवकों ने रोक लिया। उनमें से एक ने खुद को चौकी प्रभारी बताकर उनके गहने उतरवा लिया और दोस्तों के साथ फरार हो गया।
दवा व्यापारी की मां को भी बनाया शिकार : कैंट इलाके के बेतियाहाता उत्तरी निवासी दवा कारोबारी अमर केडिया की मां प्रेमलता केडिया से बीते 18 फरवरी को मंगला माता मंदिर में चल रहे सत्संग में शामिल होने जा रही थीं। कमिश्नर आवास के पास पहुंची थीं कि पीछे से एक व्यक्ति ने आवाज देकर उनको रोका और खुद को पुलिस वाला बता कर शहर में आदर्श आचार संहिता लगी होने का हवाला देते हुए हीरे की अंगुठी, सोने की चेन और दो चूड़ियां उतरवा लिया। गहने उनके पास मौजूद थैले में डालने का झांसा देकर अपने पास रख लिया और फरार हो गया।
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