नए साल के जश्न के मद्देनजर नशे के कारोबारी आयोजन स्थलों और आयोजकों तक नशे की खेप पहुंचाने में जुटे हैं। इसके लिए ड्रग्स के नए कोड वर्ड्स भी ईजाद किए गए हैं। इस बार के कोड्स बॉक्स ऑफिस पर धूम मचा रही आमिर खान की फिल्म ‘दंगल’ से लिए गए हैं।
पिछले साल आलिया, करीना, कैटरीना, प्रियंका और ऐश्वर्या जैसी अभिनेत्रियों के नाम को कोड वर्ड्स के तौर पर इस्तेमाल किया था। दंगल फिल्म से संबंधित गीता, बबीता, ताऊ, बापू और फिल्म के टाइटल दंगल को भी कोड के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। इस गोरखधंधे पर मुंबई पुलिस, ऐंटि नार्कोटिक्स सेल और सायबर सेल की जनर है। वे तकनीक और स्थानीय खबरियों की मदद से इन्हें डिकोड करने में लगे हैं।
हर बार नए साल के जश्न के लिए होने वाली पार्टियों में ड्रग्स की सप्लाई के नए तरीकों की खबरें आती हैं। पुलिस और अन्य एजेंसियां सतर्क होती हैं और ड्रग कारोबारियों के नए हथकंडों की काट के तरीके भी ढूंढती हैं। बेहतर होगा कि यह सतर्कता पूरे साल नजर आए, ताकि नशे के सौदागरों की कोई चाल न कामयाब न हो सके।
महाराष्ट्र-गोवा के एनडीपीएस के जोनल हेड संजय कुमार झा ने बताया कि नशे के कारोबारी फिल्म ऐक्टर्स के नाम को कोडवर्ड्स के रूप में इस्तेमाल करते हैं। इस पर एनडीपीएस की नजर है।
क्या हैं कोड
दंगल: ड्रग्स
अखाड़ा: आयोजक और जगह
ताऊ: कोकीन
गीता: मेफेड्रोन (म्याऊं-म्याऊं ड्रग)
बबीता: एलएसडी ड्रग
बापू: पुलिस
सेहत खराब होना: छापा पड़ना