वैज्ञानिकों ने एक ऐसा ब्लड टेस्ट विकसित किया है जिससे यह पता चल सकता है कि किसी व्यक्ति कीनींद पूरी हुई है या नहीं. इस जांच से सुस्ती में गाड़ी चलाने के कारण होने वाली कार दुर्घटनाओं को रोक सकने में मदद मिल सकती है. पूर्व के शोधों में यह पाया गया है कि जो वाहन चालक सिर्फ एक या दो घंटे की नींद लेते हैं उनके कार हादसों में शामिल होने का खतरा दोगुना हो जाता है.
ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ सर्रे के डर्क जेन डी के नेतृत्व में हुए इस अध्ययन के लिए 36 प्रतिभागियों ने एक रात की नींद नहीं ली. इस दौरान खून के नमूने लिए गए और हजारों जीन के व्यावहारिक स्तर में हुए बदलावों को मापा गया. शोधकर्ताओं ने कहा कि इस खोज से आगे की जांचों के रास्ते भी साफ होते हैं जिससे यह पता लगा पाने में कामयाबी मिलेगी कि किसी चालक की नींद पूरी हुई है या नहीं. यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ व्याख्याता एम्मा लायंग ने कहा, ‘हम सभी जानते हैं कि पर्याप्त नींद नहीं लेने से खासकर लंबे अरसे तक नींद पूरी नहीं होने से हमारे शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर खतरा पैदा होता है.
‘ हालांकि, अभी स्वतंत्र रूप से यह आकलन नहीं हो पाता है कि किसी व्यक्ति ने कितनी नींद ली है और इससे पुलिस को यह जानने में काफी मुश्किल आती है कि कोई व्यक्ति गाड़ी चलाने के लिए फिट है या नहीं. अब इस तरह के बायोमार्कर की पहचान हो जाने से अब आगे और जांच विकसित करने में मदद मिलेगी.
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal