पंजाब में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत लाभार्थियों की जांच में बड़ी कार्रवाई सामने आई है। केंद्र सरकार ने बताया कि राज्य में कुल 23,79,400 लाभार्थियों को संदिग्ध के रूप में चिह्नित किया गया था, जिनमें से फील्ड जांच के बाद 2,90,940 लोगों के नाम सूची से हटा दिए गए। यह कार्रवाई उस समय चर्चा में आई जब मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार पंजाब के 8 लाख से अधिक राशन कार्ड धारकों को हटाने की कोशिश कर रही है।
यह जानकारी पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष और लुधियाना के सांसद अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के संसद में पूछे गए सवाल के जवाब में केंद्र सरकार ने दी। संसद में दाखिल इस जवाब में मंत्रालय ने पंजाब की एनएफएस ने स्थिति का पूरा विवरण साझा किया। केंद्र ने बताया कि पंजाब में 1.51 करोड़ एनएफएसए लाभार्थियों में से 20,69,338 लोगों की ई-केवाईसी अभी तक पूरी नहीं हुई है। ई-केवाईसी के अधूरे रहने से लाभार्थियों की पहचान की पुष्टि प्रभावित होती है और इससे सूची की सही छंटनी में बाधा आती है।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि एनएफएसए के तहत लाभार्थियों को हटाने के लिए कई ऑटो-एक्सक्लूजन मानक तय किए गए हैं। इनमें चार पहिया या व्यावसायिक वाहन का मालिक होना, आयकर रिटर्न भरना, किसी कंपनी में निदेशक होना, मृत व्यक्ति का नाम अभी भी सक्रिय होना, डुप्लीकेट प्रविष्टियां, या अन्य सरकारी योजनाओं से ऐसी सहायता प्राप्त करना शामिल है जिसे एनएफएसए के साथ जोड़ना संभव नहीं है। इन्हीं मानकों के आधार पर राइटफुल टार्गेटिंग सिस्टम संदिग्ध लाभार्थियों को चिह्नित करता है। केंद्र ने यह भी बताया कि पंजाब सरकार को कई बार पत्र, निर्देश और रिमाइंडर भेजे गए ताकि आधार आधारित ई-केवाईसी और लाभार्थी सत्यापन को समय पर पूरा किया जा सके।
मंत्रालय ने वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए कई समीक्षा बैठकें भी कीं जिनमें पंजाब सरकार को सूची की सफाई तेजी से पूरी करने के निर्देश दिए गए। केंद्रीय डेटा के अनुसार, पंजाब में एनएफएसए राशन कार्डों की संख्या में पिछले वर्षों में निरंतर बदलाव देखा गया। वर्ष 2022 में 40,67,879 राशन कार्ड दर्ज थे, 2023 में यह संख्या 37,87,561 हो गई। 2024 में आंकड़ा बढ़कर 41,76,455 हुआ और 2025 में अभी तक 40,93,003 राशन कार्ड सक्रिय हैं। इससे पता चलता है कि राज्य अपनी सूची को लगातार अपडेट कर रहा है। केंद्र ने यह भी कहा कि पात्र गरीब परिवारों को राशन के लाभ से वंचित न किया जाए, यह सुनिश्चित करना राज्य सरकार की प्रमुख जिम्मेदारी है।
केंद्र इसके लिए तकनीकी साधन जैसे राइटफुल टार्गेटिंग डैशबोर्ड प्रदान करता है, जो संदिग्ध लाभार्थियों की सही पहचान करता है और जांच प्रक्रिया को सरल बनाता है। इसके साथ ही समय-समय पर मंत्रालय की ओर से सलाह, दिशानिर्देश और समीक्षा जारी रहती है।
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