साध्वी रेप केस में सजा काट रहे राम रहीम के लिए एक याचिका दायर करके बड़ी मांग की गई है। जानिए किसने की और आखिर मामला क्या है?
दरअसल राम रहीम को काम के बदले मिल रहे मेहनताना पर सवाल खड़े किए गए हैं। हरियाणा स्काउट्स एंड गाइड्स के आयुक्त नरेश कादियान, कनाडा निवासी अभिषेक कादियान व सुकन्या ने राम रहीम समेत जेल में बंद कैदियों को मिलने वाले मेहनताना को वर्तमान समय के हिसाब से बेहद कम बताया है। नरेश कादियान ने कमेटी ऑफ पिटीशन राज्यसभा व हरियाणा विधानसभा में इसमें इजाफा करने के लिए याचिका भी लगाई है।
कादियान ने याचिका में कहा है कि हरियाणा में पंजाब जेल मैनुअल लागू हैं। इनके अनुसार अकुशल श्रमिक की श्रेणी में आने वाले कैदियों को चालीस रुपये, अर्धकुशल को पचास व कुशल श्रमिक कैदियों को साठ रुपये प्रतिदिन मिलते हैं। कैदी श्रमिकों पर मजदूरी की सामान्य दरें लागू नहीं होती हैं, जो राम रहीम और अन्य सभी कैदियों के साथ अन्याय है।
कादियान ने याचिका में पंजाब जेल मैनुअल केएक्ट को संशोधित कर कैदियों के मेहनताना को बढ़ाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि राम रहीम के साथ उन्हें कोई सहानुभूति नहीं, लेकिन डेरा सच्चा सौदा प्रमुख के नाते उनकी इतनी भी तौहीन नहीं होनी चाहिए। जेल मैनुअल के हिसाब वह अकुशल श्रमिक की श्रेणी में आता है और उसे चालीस रुपये मिलते हैं, जिससे उसकी चाय-पानी व अन्य जरूरतें भी पूरी नहीं हो सकती।
पंजाब जेल मैनुअल हरियाणा गठन के पहले से हैं, इस लिहाज से भी इनमें संशोधन की जरूरत है। जिससे सभी कैदियों को फायदा मिलेगा। जेल सुधार गृह है, न कि टॉर्चर रूम, कैदियों का मेहनताना सम्मानजनक होना चाहिए। जेल में बनाए कैदियों के समान की मांग और खपत काफी अधिक रहती है। इससे जेल प्रशासन अपना प्रॉफिट भी निकालता है। उनकी हरियाणा सरकार से यह भी मांग है कि उसमें से कैदियों को कमीशन मिलना चाहिए।
अभिषेक ने श्रम मंत्रालय में लगाई थी याचिका
मूल रूप से हरियाणा के झज्जर निवासी और वर्तमान में कनाडा में रह रहे अभिषेक ने कैदियों को कम मेहनताने को लेकर श्रम मंत्रालय में याचिका लगाई थी। जिसे केंद्र सरकार ने हरियाणा सरकार व जेल विभाग को भेज दिया। एडीजी जेल हरियाणा ने इसके जवाब में पंजाब जेल मैनुअल के लागू होने का हवाला दिया है। नरेश कादियान ने सीएम विंडो पर भी यह मामला उठाया, वहां से भी यही जवाब मिला।
मूल रूप से हरियाणा के झज्जर निवासी और वर्तमान में कनाडा में रह रहे अभिषेक ने कैदियों को कम मेहनताने को लेकर श्रम मंत्रालय में याचिका लगाई थी। जिसे केंद्र सरकार ने हरियाणा सरकार व जेल विभाग को भेज दिया। एडीजी जेल हरियाणा ने इसके जवाब में पंजाब जेल मैनुअल के लागू होने का हवाला दिया है। नरेश कादियान ने सीएम विंडो पर भी यह मामला उठाया, वहां से भी यही जवाब मिला।