माखी दुष्कर्म कांड में पीडि़ता के पिता की हत्या में दोषी करार दिए जाने पर पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर की बादशाहत लगभग खत्म हो चुकी है। इससे पहले उन्हें दुष्कर्म में उम्रकैद की सजा हो चुकी है। ग्राम प्रधान से राजनीति की शुरुआत करने वाले कुलदीप ने मजबूत पैठ बनाने में 25 साल का सफर तय किया था और उनकी गिनती क्षेत्र में बाहुबलियों में होती थी।
पूर्व विधायक का राजनीतिक सफर
-वर्ष 2002 में पहली बार बसपा से सदर विधानसभा क्षेत्र के विधायक चुने गए
-वर्ष 2007 में सपा से बांगरमऊ विधानसभा क्षेत्र से दूसरीबार विधायक निर्वाचित हुए
-वर्ष 2012 में सपा से भगवंतनगर विधान सभा क्षेत्र से तीसरीबार विधायक चुने गए।
-वर्ष 2017 में भाजपा से चौथीबार बांगरमऊ विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने।
माखी कांड में कब क्या हुआ
-4 अप्रैल 2018- दुष्कर्म पीडि़ता के पिता को पीटा गया, पुलिस ने घायल के विरुद्ध रिपोर्ट लिख अस्पताल भेजा।
-5 अप्रैल 2018- अस्पताल से पीडि़ता के घायल पिता को जेल भेजा गया।
-7 अप्रैल 2018- विधायक, उसके भाई व अन्य पर मुकदमा दर्ज करने की मांग कर पीडि़ता ने सीएम आवास के सामने आत्मदाह का प्रयास किया।
-8 अप्रैल 2018- दुष्कर्म पीडि़ता के पिता को जेल से अस्पताल लाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।
-9 अप्रैल 2018- विधायक के भाई अतुल ङ्क्षसह व अन्य पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया।
-10 अप्रैल 2018- विधायक कुलदीप ङ्क्षसह के खिलाफ मुकदमा दर्ज और हत्या के मामले में विधायक के भाई अतुल गिरफ्तारी।
-11 अप्रैल 2018- एसआइटी ने माखी गांव जाकर मामले की जांच की और रिपोर्ट सीएम को सौंपी।
-12 अप्रैल 2018- विधायक व सह आरोपित शशि ङ्क्षसह के विरुद्ध सीबीआई ने दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज किया।
-13 अप्रैल 2018- रात को सीबीआइ ने विधायक कुलदीप ङ्क्षसह को गिरफ्तार किया।
-14 अप्रैल 2018- सीबीआइ द्वारा विशेष पॉक्सो कोर्ट में विधायक को पेश किया गया जहां से उन्हें जेल भेजा गया।
-15 अप्रैल 2018- सीबीआइ ने विधायक को रिमांड पर लिया।
-28 अप्रैल 2018- रिमांड पूरी होने के बाद विधायक को जिला कारागार उन्नाव भेजा गया।
-8 मई 2018- विधायक कुलदीप ङ्क्षसह को उन्नाव जेल से सीतापुर भेजा गया।
-28 अगस्त 2019- चाचा से मिलने रायबरेली जेल जाते समय पीडि़ता की गाड़ी का एक्सीडेंट हुआ। जिसमें पीडि़ता और उसका वक़ील गंभीर घायल हुए। जबकि उसकी चाची और मौसी की मौत हो गई थी।
-उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया और मामलों की सुनवाई दिल्ली की तीसहजारी कोर्ट में करने का आदेश दिया।
– आरोपित विधायक को सीतापुर से दिल्ली की तिहाड़ जेल में शिफ्ट कर दिया गया।
-26 अक्टूबर 19- को विधायक के भाई मनोज सेंगर की मौत हो गई।
-16 दिसंबर को विधायक को पॉक्सो एक्ट में दुष्कर्म का दोषी करार दिया गया
-20 दिसंबर को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने विधायक को ताउम्र जेल की सजा सुनाई, साथ ही 25 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया।
-4 मार्च 2020 को दुष्कर्म पीडि़ता के पिता की हत्या के मामले में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर उनके भाई अतुल ङ्क्षसह उर्फ जयदीप, तत्तकालीन माखी एसओ अशोक भदौरिया, दरोगा केपी ङ्क्षसह समेत सात को दोषी करार दिया, जबकि चार को दोषमुक्त कर दिया।