समाज संघ के सेक्रेटरी अमजद खान ने बताया कि ‘हम हर साल मुहर्रम का जुलूस निकालते हैं लेकिन इस बार हमने किसी की जिंदगी को बचाने का निर्णय लिया। हमने फंड इकठ्ठा करने के लिए मस्जिद में नमाज के बाद इमाम से फंड के लिए घोषणा करवाई।
मुस्लिम पड़ोसियों की इस पहल पर अबीर ने कहा कि ‘मैं नहीं जानता मेरा क्या होगा लेकिन पड़ोसियों की इस पहल ने मेरे दिल को छू लिया है।’ अबीर ने पिछले साल ही मां-पिता और दादी को खोया है और फिलहाल अपनी पत्नी के साथ रह रहे हैं और दोनों को एक संतान की चाहत है।