नई दिल्ली देशभर के कई संस्थान ऐसे हैं जहां कैंपस प्लेसमेंट की प्रक्रिया द्वारा स्टूडेंट्स को नौकरी दी जाती है। कई बड़ी कंपनियां जल्द ही कैंपस प्लेसमेंट की तैयारी में जुटी हुई है। अब बड़ी कंपनी में जॉब करनी है तो उसके लिए जमकर तैयारी भी करनी होगी। आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बता रहे हैं जिससे आप कॉलेज, संस्थान या यूनिवर्सिटीज में आने वाली बड़ी कंपनियों की प्लेसमेंट में पहली बार में ही सिलेक्ट हो सकते हैं। बस इन बातों का खास ध्यान रखें..
1. जुट जाएं तैयारियों में
अगर आप कॉलेज के अंतिम साल में है और प्लेसमेंट होने में ज्यादा वक्त नहीं है तो ध्यान रखें अभी से तैयारी शुरू दें। इसके लिए आपको सबसे पहले उन कंपनियों के नाम पता होना चाहिए जो कैंपस सिलेक्शन के लिए आपके कॉलेज आ रही है। अब आपको जिस कंपनी का प्लेसमेंट देना है उसके बारे में सारी जरूरी जानकारी जुटा लें। इसके अलावा इस बात का भी ध्यान दें कि कंपनी इस बार किस पोस्ट के लिए कैंपस लेने आई है? कंपनी की चयन प्रक्रिया का प्रोसेस? इस तरह की जानकारी इकट्ठे कर लें।
2. प्लेसमेंट के लिए हो होमवर्क
कंपनी अपने कंडीडेट में क्या योग्यता चाहती है उसके हिसाब से घर पर बैठकर खुद को उस योग्य बना लें। साथ ही ध्यान दें कि आप उस कंपनी के लिए किस तरह काम आ सकते हैं जिससे कंपनी आपको सिलेक्ट कर ले।
3. नई-नई चीजों की खोज करें
फिलहाल आपका फील्ड जो भी हो आप उस फील्ड में ही नई-नई चीजों की खोज करें। आप खुद से प्रॉब्लम्स क्रिएट करें और खुद ही सॉल्व करने के स्मार्ट तरीके को ढूंढ़ें। जब आपको तरह-तरह की जानकारी होगी तो कॉन्फिडेंस लेबल तो बढ़ेगा ही प्लेसमेंट के दौरान इंटरव्यू लेने वाले पर आपका पॉजिटिव इम्पैक्ट भी पड़ेगा।
4. प्रैक्टिकल पर फोकस
अधिकांश ऐसी कंपनियां होती है जिन्हे डिग्री और थ्योरी नॉलेज से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपके पास कितनी डिग्रिया हैं। उन्हे आपके प्रैक्टिकल नौलेज से मतलब होता है। प्लेसमेंट के दौरान कंपनी यह देखती है कि आप अपनी नॉलेज का इस्तेमाल कंपनी को आगे बढ़ाने में किस तरह कर सकते हैं। लेकिन आपकी बेहतर के लिए बता दें कि अगर आप किताबी कीड़ा हैं तो अभी से प्रैक्टिकल प्रैक्टिस शुरू कर दें। चूंकि यहा वो तरीका है जो आपका ड्रीम जॉब दिलाने में मदद करेगा।
5. कॉन्फिडेंट रहे
प्लेसमेंट के दौरान इस बात का ध्यान रखें कि कॉन्फिडेंट रहें लेकिन ओवर कॉन्फिडेंट बिल्कुल भी न रहें। दरअसल, कॉन्फिडेंट और ओवर कॉन्फिडेंट में ज्यादा अंतर नहीं होता है लेकिन फिर भी इस अंतर को आपको समझना चाहिए। मान लें कैंपस प्लेसमेंट से पहले अगर आपने पूरी तैयारी कर ली तो भी आपको हमेशा ऐसा एटीट्यूड रखना चाहिए जो हमेशा सीखने वाला हो। प्लेसमेंट प्रकिया के दौरान आपका बॉडी लैंग्वेज बता देता है कि आप कॉन्फिडेंट हैं या ओवर कॉन्फिडेंट। इसके अलावा इंटरव्यू के दौरान इंटरव्यूवर को यह दिखाएं कि आपके अंदर कुछ नया सीखना का जुनून है।