नई केदारपुरी के निर्माण को लेकर अब नया संकट खड़ा हो गया है। इससे बचने के लिए अधिकारी भी सोच में पड़े हुए हैं।
जी हां, यह संकट है पत्थरों का। दरअसल पुननिर्माण कार्यों में जो पत्थर लगाए जाने हैं वो वहां मिल ही नहीं रहे हैं। जो पत्थर पहले से ही वहां थे वे सब प्रयोग में लाए जा सके हैं।
एक समाचार पत्र में छपी खबर के मुताबिक, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) विभाग के अधीक्षण पुरातत्वविद् लिली धस्माना का कहना है कि वहां फर्श बनाने के लिए पत्थर नहीं है। इसकी रिपोर्ट संस्कृति मंत्रालय को रिपोर्ट भेज रही हैं।
हालांकि, अभी केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के कारण अभी काम बंद कर दिया गया है। लेकिन जब नए सीजन में काम शुरु होगा तो यह समस्या बन जाएगी।
उनका कहना है कि मंदिर का करीब 600 वर्गमीटर भाग पर पत्थर लगाए जाने हैं। एक पत्थर का आकार करीब डेढ़ वर्गफीट है। इस तरह 2000 से अधिक पत्थरों की जरूरत है।