दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अपने सभी कार्यकर्ताओं, नेताओं और जनता से 100 रुपए मांगे हैं। आप सोच रहे होंगे कि आखिर उन्होंने 100 रुपए क्यों मांगे हैं।
दरअसल केजरीवाल ने एक पत्र जारी कर स्वच्छ राजनीति के लिए सभी से 100 रुपए चंदे की मांग की है। इस पत्र में उन्होंने लिखा है कि राजनीति के लिए बेहद जरूरी है चंदा ईमानदारी का होना चाहिए ताकि जनता के हित में काम किया जा सके। बता दें कि उनकी इस अपील के कुछ ही घंटों में आम आदमी पार्टी पर धन की बारिश हो गई है। कुछ ही घंटो में पार्टी को 18 लाख से भी ज्यादा का चंदा आ चुका है।
यही वजह है कि आम आदमी पार्टी ने अपने समर्थकों व कार्यकर्ताओं तक पहुंचने के लिए आउटरीच टीम बनाई है। यह टीम समय-समय पर लोगों से मिलकर बातचीत करेगी और उन लोगों द्वारा दिए चंदे की जानकारी उन्हें देगी। इसके साथ ही पार्टी लोगों को ये भी बताएगी कि उन्होंने जो चंदा दिया उसे पार्टी ने कहां खर्च किया।
केजरीवाल ने सभी से अपील की है कि सिर्फ 100 रुपए पार्टी फंड में दान करें जिससे पार्टी के आर्थिक संकट को आसानी से दूर किया जा सकता है और ईमानदार राजनीति बरकरार रखी जा सकती है। पार्टी ने एक बहुत ही भावुक पत्र ईमेल के जरिए जारी किया है, जिसे आम आदमी पार्टी वेबसाइट पर भी अपलोड किया है। इस खत के लिंक को बुधवार को पार्टी के नेता संजय सिंह ने अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया।
केजरीवाल ने अपने इस पत्र में लिखा है, ‘पिछले हफ्ते जब मैं पार्टी ऑफिस से लौट रहा था, तब मेरे पार्टी ऑफिस इंचार्ज बिपुल ने मुझसे कहा कि सर कुछ पैसों का इंतजाम करना होगा, किसान न्याय सम्मेलन के लिए कुछ बैनर प्रिंट करवाने हैं। मैंने तुरंत ही पार्टी के राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता को फोन कर कुछ पैसे इकट्ठे करने की गुजारिश की। तभी मेरे दिमाग में एक खास सवाल आया कि AAP एक संगठन के तौर पर लगातार जूझ रही है।’
Political Funding is root cause of corruption in India, it's important to take on this devil.
Pledge your support: https://t.co/rDuWdur07Z pic.twitter.com/kDLHQfkczy— AAP (@AamAadmiParty) October 18, 2017
केजरीवाल ने आगे लिखा, ‘हो सकता है कि लोगों के मन में यह बात आती हो कि इस पार्टी के 4 सांसद हैं, 86 विधायक हैं, 52 पार्षद हैं, ऐसे में इसे आर्थिक तंगी कहां होगी। ऐसे में बताने वाली बात ये है कि राजनीतिक फंडिंग भी भ्रष्टाचार की एक मुख्य वजह है। एडीआर रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा और कांग्रेस को 80 प्रतिशत दान अज्ञात सूत्रों के माध्यम से मिला है। ऐसे चंदे से जो भी सरकार बनेगी वह कहीं न कहीं वह किसी हित को ध्यान में रखते हुए काम करेगी और जिन लोगों ने पार्टी को चंदा दिया होगा उनके प्रति झुकाव भी होगा। इस तरह के गलत चंदे से बनी सरकार आखिर जनता के हित में क्या करेगी। यही वजह है कि देश की आजादी के 70 साल बाद भी देश की ज्यादातर जनता अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए ही जूझती रहती है।’
केजरीवाल ने आगे लिखा है, ‘आम आदमी पार्टी ने देश की राजनीति में क्रांति पैदा की है। अपने वादे के अनुसार अच्छी सरकार दी है। पिछले ढाई साल के अंदर दिल्ली में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में काफी सुधार किया गया है। अब समय आ गया है कि राजनीतिक चंदे की दिशा में भी कुछ नया और अच्छा किया जाए। हमें देश के अन्य राजनीतिक दलों को यह दिखाना होगा कि हम बगैर अपने सिद्धांतों, मूल्यों व वादों से समझौता किए हुए भी अपने संगठन और राजनीतिक खर्चों का वहन कर सकते हैं।’