उत्तर प्रदेश के आगरा में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर कुट्टू के आटे से बना फलाहार खाने से शहर और देहात में बड़ी संख्या में लोग बीमार हुए हैं। कुट्टू के आटे से बनी पकौड़ी, पूड़ी आदि खाने के 2-3 घंटे बाद लोगों की हालत बिगड़ी। उल्टी के साथ बेचैनी, घबराहट हुई और हाथ-पैर कांपने लगे।
एसएन मेडिकल कॉलेज में 128 मरीज भर्ती किए गए। जिला अस्पताल में 22 मरीजों को भर्ती किया गया। जिला अस्पताल में एक ही परिवार के 3-4 सदस्य अलग-अलग वार्डों में भर्ती हैं। हालात ये हैं कि जिला अस्पताल में बेड फुल हो गए और एसएन में एक बेड पर दो मरीजों को लिटाकर इलाज करना पड़ा।
एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने बताया कि मंगलवार को फूड पॉयजनिंग के कुल 128 मरीज भर्ती किए गए। इनमें से 57 को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। 71 मरीज अभी भी भर्ती हैं। एसएन अस्पताल में मंगवार सुबह से ही कुट्टू के आटे से बनी चीजें खाने से फूड पॉयजनिंग के मरीजों का आना शुरू हो गया।
दोपहर में एक के बाद एक मरीजों के आगमन से अस्पताल के बेड कम पड़ गए। एक बेड पर दो-दो मरीजों लिटाकर इलाज शुरू किया गया। बाद में प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने दो विशेष वार्ड शुरू करवाकर मरीज शिफ्ट करवाए।
जिला अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आरके अरोड़ा ने बताया कि अस्पताल में फूड पॉयजनिंग के 22 मरीज भर्ती हैं। इनका इलाज चल रहा है। और मरीज आते हैं तो अन्य वार्ड में व्यवस्था की जाएगी।
ऐसा लगा लकवा मार गया
पत्नी भगवान देवी ने पूजा के बाद सोमवार रात को कुट्टू के आटे की पकौड़ियां खाई थीं। सोमवार की सुबह करीब 5 बजे उन्हें उल्टियां शुरू हो गईं। हालत बिगड़ने पर उन्हें जिला अस्पताल ले गया। उसके हाथ-पैर टेढ़े पड़ रहे थे, ऐसा लग रहा था कि लकवा मार गया। – राकेश, शिव नगर कमाल खां
पूजा से पहले अस्पताल आना पड़ा
परिवार के 4 लोगों की हालत कुट्टू का आटा खाने से बिगड़ी। पति अरविंद शर्मा, कक्षा 6 में पढ़ने वाले बेटे, ससुर और देवरानी को जिला अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है। बेटे की तबीयत बिगड़ने पर पूजा से पहले अस्पताल की दौड़ लगानी पड़ी। -हेमलता, नगला बुद्धा निवासी
रात भर काटे जिला अस्पताल और एसएन के चक्कर
परिवार के 5 लोग कुट्टू का आटा खाने से बीमार हुए। ससुर यतेंद्र पाल सिंह, उनकी अलीगढ़ से आईं दोनों बहनें, दो छोटे बच्चों की हालत बिगड़ी। सभी जिला अस्पताल में भर्ती हैं। रातभर जिला अस्पताल और एसएन के चक्कर काटते रहे। -मोनिका रानी, प्रतापपुरा निवासी