मध्य प्रदेश के खंडवा में एक अनोखा मामला सामने आया है, जिसमें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की राशि मिलने से नाराज एक किसान ने इसे वापस मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा करवा दिया है। दरअसल किसान ने साल 2024 में सोयाबीन की फसल बोई थी, जिसमें उसे करीब साढ़े सात लाख रुपये की लागत आई थी। उसकी यह फसल मौसम की मार के चलते पूरी तरह से बर्बाद हो गई, जिसमें उसे काफी नुकसान हुआ। हालांकि इस फसल का किसान ने बीमा भी करा रखा था और उसकी 30 हजार रुपये की बीमा प्रीमियम राशि भी उसने बीमा कंपनी को अदा करी थी, लेकिन जब उसे अपनी बर्बाद हुई फसल का बीमा क्लेम मिला तो वह मात्र 1274 रु ही था। इससे नाराज किसान वापस बैंक पहुंचा और यह पूरी रकम उसने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करवा दी।
इधर शहर की बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा पहुंचे पीड़ित किसान राजेन्द्र प्रजापति का कहना था कि उन्होंने साल 2024 में 21 एकड़ के रकबे में सोयाबीन की फसल बोई थी, लेकिन पूरी फसल बर्बाद हो गई थी। हालांकि उन्होंने इसका बीमा कर रखा था, लेकिन अब जो बीमा की राशि मिली है वह केवल 1274 रुपये ही मिली है, जबकि उसकी बीमा प्रीमियम 30 हजार रुपये खाते से कटी थी। मेरा नुकसान करीब 7 लाख रुपये का था, जिसका 50 प्रतिशत कम से कम 3.5 लाख रुपये तो मुझे मिलना ही चाहिए था, जबकि मुझे केवल 0.5 प्रतिश मिला है।
वहीं उन्होंने कहा कि यह तो किसानों की बेज्जती है, पूरे जिले में कई हैक्टेयर में किसानों की फसल बर्बाद हुई है, जिसके लिए उन्हें मात्र 500-1000 रुपये तक की बीमा राशि मिल रही है। इससे वे नाराज हैं और इसीलिए वापस इसे सरकार को लौटा रहे हैं। इधर, इस मामले में जिला कलेक्टर ऋषव गुप्ता का कहना है कि ऐसे मामलों का संज्ञान लेकर केस बाई केस जांच करवाकर किसानों की समस्या सुलझाने का प्रयास किया जाएगा।