नई दिल्ली। 1977 बैच और मध्य प्रदेश कैडर के आईएस अधिकारी और वर्तमान में चुनाव आयुक्त की जिम्मेदारी संभाल रहे ओम प्रकाश रावत भारत के अगले मुख्य चुनाव आयुक्त होंगे। सोमवार को मुख्य चुनाव आयुक्त एके ज्योति का कार्यकाल पूरा हो रहा है। इसके एक दिन ओम प्रकाश रावत को नया मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी गई।
चुनाव आयोग में मुख्य चुनाव आयुक्त के साथ-साथ दो चुनाव आयुक्त भी होते हैं। ओम प्रकाश रावत के मुख्य चुनाव आयुक्त बनने के बाद चुनाव आयुक्त का एक पद खाली हो गया। उनकी जगह पर अशोक लवासा को नया चुनाव आयुक्त नियुक्ति किया गया है। लवासा इसके पहले वित्त सचिव रह चुके हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में रावत का पहला काम अगले महीने त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड में निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित कराना होगा।ओम प्रकाश रावत, ए के ज्योति का स्थान लेंगे और 23 जनवरी को मुख्य चुनाव आयुक्त का पदभार ग्रहण करेंगे।
– चुनाव आयोग में मुख्य चुनाव आयुक्त के साथ-साथ दो चुनाव आयुक्त भी होते हैं।
– रावत की जगह पूर्व वित्त सचिव अशोक लवासा को नया चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया है।
– दूसरे चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा हैं।
– रावत इस साल दिसंबर तक मुख्य चुनाव आयुक्त रहेंगे।
ओमप्रकाश रावत को अगस्त 2015 में चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया था। इससे पहले वह भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्रालय में सचिव रह चुके हैं। इसके अलावा वह रक्षा मंत्रालय में भी निदेशक के रूप में कार्य कर चुके हैं। अपने कार्यकाल के दौरान उन्हें 1994 में हुए संयुक्त राष्ट्र चुनाव के दौरान दक्षिण अफ्रीका में एक ऑब्जर्वर के रूप में प्रतिनियुक्ति मिली थी।
जानिए कौन हैं ओम प्रकाश रावत
– 2 दिसंबर 1953 को जन्मे ओपी रावत मप्र कैडर से 1977 बैच के पूर्व आईएएस अधिकारी हैं।
– रावत ने मप्र में विभिन्न अहम पदों पर काम किया है।
– वह इंदौर (1986-88) और नरसिंहपुर (1983-86) जिलों के कलेक्टर रहे हैं।
– वह वर्ष 2004-2006 के बीच तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के प्रमुख सचिव भी रहे।
– नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष भी रहे।
– केंद्र में रावत ने वर्ष 1993 में रक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में काम किया।
– भारी उद्योग मंत्रालय में सार्वजनिक उद्यम विभाग में सचिव भी रहे।
– रावत देशभर में चुनाव प्रक्रिया में सुधार लाने की दिशा में चलाए जा रहे जागरकता अभियान के लिए पहचाने जाते हैं।
– उनका कहना है भारत जैसे विशाल देश में हर मतदाता को चुनाव प्रक्रिया से जोड़ना और मतदान में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना हमारी पहली प्राथमिकता है।