जमशेदपुर। टाटा स्टील के निदेशक मंडल ने साइरस मिस्त्री को कंपनी के चेयरमैन पद से हटाकर भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व चेयरमैन ओ. पी. भट्ट को अंतरिम चेयरमैन बनाया गया है। भट्ट टाटा स्टील के पहले गैर पारसी चेयरमैन हैं।
टाटा स्टील के इतिहास में अभी तक जितने भी चेयरमैन बने हैं, वे सभी पारसी समुदाय के रहे हैं। हालांकि साइरस मिस्त्री और रूसी मोदी को छोड़कर सभी चेयरमैन टाटा घराने के ही थे।
यहां बता दें कि टाटा स्टील के बोर्ड ने 21 दिसंबर को असाधारण आम बैठक (ईजीएम) बुलाई है। ईजीएम का फैसला आने तक ओपी भट्ट टाटा स्टील के अंतरिम चेयरमैन बने रहेंगे।
टाटा स्टील के चेयरमैन पद से साइरस मिस्त्री को हटाकर ओपी भट्ट को अंतरिम चेयरमैन बनाए जाने पर टाटा वर्कर्स यूनियन के पूर्व अध्यक्षों ने हर्ष जताया है। पूर्व अध्यक्षों का कहना है कि टाटा स्टील एक नैतिकता वाली कंपनी है।
टाटा परिवार की अपनी अलग कार्य संस्कृति है। जो इस कार्यसंस्कृति को नहीं समझ सकेगा, वह कंपनी को नहीं चला सकता। साइरस मिस्त्री के केस में भी यही हुआ है।
टाटा समूह बोर्ड ने जब साइरस मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से बर्खास्त कर दिया था तो साइरस को इस फैसले को स्वीकार करते हुए समूह की अन्य कंपनियों टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा कैमिकल्स, टाटा पावर व अन्य कंपनियों के चेयरमैन पद से स्वयं ही इस्तीफा दे देना चाहिए था।
उन्होंने ऐसा न करके टाटा संस के बोर्ड के फैसले को ही चुनौती दे दी। रतन टाटा पर कई गंभीर आरोप भी लगाए। इसी लड़ाई का नतीजा है कि साइरस की छवि नकारात्मक होती जा रही है। टाटा स्टील बोर्ड का निर्णय भी इसी ओर इशारा करता है।
टाटा स्टील के मुखिया कौन-कौन
– जमशेतजी टाटा
– सर दोराबजी टाटा (1904-1932)
– सर नोराबजी सकलतवाला (1932-1938)
– जेआरडी टाटा (1938-1991)
– रतन टाटा (1991-2012)
– साइरस मिस्त्री (2012-नवंबर 2016)
– ओपी भट्ट (अंतरिम चेयरमैन)
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