अकसर लोग ऑनलाइन शॉपिंग करने से पहले उस प्रोडक्ट से संबंधित उपभोक्ता समीक्षा (कंज्यूमर रिव्यू) पर भरोसा कर लेते हैं। लेकिन क्या ये पूरी तरह ठीक होता है? जी नहीं, अगर आप भी इसपर भरोसा करते हैं तो सचेत हो जाइए। हो सकता है कि आप जिस सामान को खरीदने के लिए ऐसी समीक्षाओं पर भरोसा कर रहे हैं, वो फेक हों। फेक न्यूज की तरह अब फेक रिव्यू भी चलन में आ गया है।

इस बात का खुलासा तब हुआ, जब पता चला कि दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन के ऑनलाइन ग्राहकों को फेसबुक ग्रुप पर फेक रिव्यू के जरिए फंसाया जा रहा है। इस बात को ब्रिटेन के कंज्यूमर एडवोकेसी ग्रुप विच समेत कई कंपनियों और उद्यमियों ने माना भी है, कि फेसबुक ग्रप की मदद से अमेजन पर बिकने वाले सामान का फेक रिव्यू किया जा रहा है।
इन ग्रुप्स के जरिए दुनियाभर में फैले अमेजन के करोड़ों ग्राहकों को फंसाया जा रहा है। इस मामले को लेकर विच ने भी दावा किया है कि लोकप्रिय प्रोडक्ट की सर्च में अंजान ब्रांड ने भी वर्चस्व कायम कर लिया है। इसके लिए विच ने अमेजन पर बिकने वाले सैकड़ों टेक प्रोडक्ट का विश्लेषण किया। माना जा रहा है कि इस फेक रिव्यू के काम में करीब 87 हजार लोग लगे हुए हैं।
विच को पता चला है कि कई अंजान प्रोडक्ट की लिस्टिंग के बाद उनपर सकारात्मक अनवेरिफाइड रिव्यू दिए जा रहे हैं। इसका मतलब ये कि अमेजन की तरह अन्य वेबसाइट पर रिव्यू देने वाले लोगों का कोई प्रमाण नहीं है।
विच ने अमेजन पर 14 टेक प्रोडक्ट के लिए सर्च की थी। जिनमें हेडफोन, स्मार्च वाच और वियरेबल डिवाइस सहित अन्य प्रोडक्ट शामिल थे। इनमें वो सामान भी शामिल थे, जिनके बारे में विशेषज्ञ भी नहीं जानते।
अब सामान की डिलीवरी में फ्रॉड को रोकने के लिए अमेजन ने भी एक अनोखी पहल शुरू की है। जिसमें कंपनी ने अपने डिलीवरी बॉय को आदेश दिया है कि वे अपने दिन की शुरुआत में एक सेल्फी लेकर भेजें। इससे समय-समय पर उनके रिकॉर्ड को वेरिफाई किया जा सकेगा।
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