लखनऊ। एसटीएफ और इंदिरानगर पुलिस ने संयुक्त रूप से कार्रवाई कर राजधानी में करीब पांच वर्षों से संचालित फर्जी बोर्ड का भंडाफोड़ किया है। उत्तर प्रदेश राज्य मुक्त विद्यालय परिषद के नाम से संचालित इस फर्जी बोर्ड के जरिए जालसाजों ने पांच हजार से अधिक छात्रों से करोड़ों रुपये ठगे हैं। एसएसपी एसटीएफ अभिषेक सिंह के मुताबिक इस मामले में फर्जी बोर्ड के संचालक राजमन गौड़ समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरोह ने कई राज्यों में जाल फैला रखा था और छात्रों को फर्जी सर्टिफिकेट भी उपलब्ध कराए जा रहे थे।
एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि इंदिरानगर के फरीदीनगर स्थित मानस तिराहा, रहेजा हाउस में संचालित फर्जी बोर्ड का संचालक राजमन गौड़ मूलरूप से आजमगढ़ के रवनिया बरदह का रहने वाला है। वह यहां रहेजा हाउस, मानस तिराहे के पास ही रहता था। राजमन प्रत्येक छात्र से 1350 से 1500 रुपये लेता था। इसके बाद विभिन्न संस्थान छात्रों से अपना कमीशन लेते थे। संचालक के अलावा पकड़े गए लोगों में भदावल थाना हरैया, बस्ती निवासी कनिकराम शर्मा, झिनकान, भदावल, बस्ती निवासी सुनील शर्मा, भरवल पोस्ट बेंलीपथ थाना बेलीपार, गोरखपुर निवासी नीरज शाही, मानस तिराहा निवासी जितेंद्र गौड़, खर्गीपुर थाना बरदह जनपद आजमगढ़ निवासी राधेश्याम प्रजापति एवं मानस तिराहा निवासी नीरज प्रताप सिंह शामिल हैं।
कई राज्यों में बनाए स्टडी सेंटर
एसटीएफ ने जब फर्जी बोर्ड के फरीदीनगर स्थित कार्यालय में छापेमारी कर छानबीन की तो पता चला कि आरोपितों ने बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक एवं दिल्ली समेत कई राज्यों में स्टडी सेंटर बना रखा है। सभी राज्यों में फर्जी बोर्ड से संबंधित कार्यालय भी संचालित किए जा रहे हैं।
यूपी में 62 शिक्षण संस्थानों ने ले रखी मान्यता
पुलिस को आरोपितों ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 62 शिक्षण संस्थानों ने फर्जी बोर्ड से मान्यता प्राप्त कर रखी है, जो छात्रों को मार्कशीट भी जारी कर रहे हैं। आरोपित ऑनलाइन फार्म भरवाकर छात्रों को झांसे में लेते थे और फिर कुछ समय बाद ही उन्हें फर्जी सर्टिफिकेट थमा देते थे। इसके एवज में आरोपित छात्रों से मोटी रकम वसूलते थे।
आइटी एक्सपर्ट करता था वेबसाइट की देखरेख
फर्जी बोर्ड के संचालक राजमन गौड़ ने वेबसाइट के संचालन और देखरेख के लिए एक आइटी एक्सपर्ट को भी नौकरी पर रखा था, जो डेटाबेस प्रबंधन का कार्य देखता है। पूछताछ में सामने आया है कि आइटी एक्सपर्ट खुद से ही डेटाबेस में छात्रों के अंकपत्रों में नंबर अंकित कर देता था। छात्रों को गुमराह करने के लिए फर्जी नोटिफिकेशन व मान्यता दिखाकर ठगी का धंधा संचालित किया जा रहा था।
वेबसाइट पर लगा रखी है पीएम की फोटो
लोगों को झांसे में लेने के लिए जालसाजों ने वेबसाइट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो तक लगाई है। यही नहीं तीन वेबसाइटों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा अन्य लोगों की भी फोटो लगी है। वेबसाइट पर स्वच्छ भारत अभियान का लोगो तथा फर्जी ढंग से हासिल आइएसओ 9001 का प्रमाण पत्र भी अंकित है। शिक्षा विभाग से जानकारी लेने पर उक्त बोर्ड फर्जी निकला, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की।
ऑफिस बंद करने की फिराक में था संचालक
एएसपी एसटीएफ ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर जानकारी की गई। इस दौरान पता चला कि संचालक राजमन गौड़ अपने कार्यालय का सारा कागजात व इलेक्ट्रानिक्स उपकरण के साथ ऑफिस बंद कर भागने की फिराक में है। इसके बाद त्वरित कार्रवाई कर सभी आरोपितों को दबोच लिया गया। पूछताछ में पता चला कि राजमन गौड़ फर्जी माइक्रो फाइनेंस कंपनी भी संचालित कर लोगों को ठग रहा है। पुलिस उपरोक्त फाइनेंस कंपनी से संबंधित बेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम आइएसओ 9001:2015 का प्रमाण पत्र देने वाली कंपनी के बारे में भी जांच की जा रही है।
पासपोर्ट बनवाते समय फर्जी निकला अंकपत्र
जौनपुर निवासी अनवर को बोर्ड की ओर से अंकपत्र भी दिया गया था। विदेश जाने के लिए अनवर ने पासपोर्ट कार्यालय में आवेदन किया था, जिसमें उसने अपना अंकपत्र भी लगाया था। जांच के दौरान पासपोर्ट कार्यालय ने अनवर को बताया कि उसका अंक पत्र फर्जी है। पुलिस का कहना है कि फर्जी बोर्ड की मार्कशीट के सहारे कई लोग सरकारी नौकरी भी कर रहे हैं। इस मामले में इंदिरानगर थाने में आरोपितों के खिलाफ जालसाजी एवं कूटरचित दस्तावेज बनाने समेत विभिन्न धाराओं में एफआइआर दर्ज की गई है। बताया गया कि जौनपुर के कोतवाली शाहगंज में भी इस बोर्ड के खिलाफ पूर्व में एफआइआर दर्ज हुई थी।
यह हुई बरामदगी
एसओ इंदिरानगर मुकुल वर्मा के मुताबिक आरोपितों के पास से एक सीपीयू, एक मानीटर, 10वीं तथा 12वीं की मार्कशीट व सार्टिफिकेट, छह पैन कार्ड, नौ एटीएम कार्ड, एक चेक बुक, 31,340 रुपये, आठ मोबाइल फोन, चार डीएल, नौ मोहर, 10 सिमकार्ड, फर्जी बोर्ड से संबंधित कागजात और एक स्कार्पियो गाड़ी बरामद की गई है।