वाशिंगटन: ट्रम्प प्रशासन के बाद भारतीय नस्लीय हमलो की खबरों के बाद कुछ राहत की खबर आना शुरू हो गई है. अमेरिका ने बुधवार को कहा कि एनएसजी में भारत के प्रवेश की कोशिशों को बल देने के लिए प्रयास कर रहा है. इस लक्ष्य प्राप्ति के लिए वह उसके और एनएसजी के सदस्य देशों के साथ मिलकर काम कर रहा है.
अमेरिकी संसद में फिर पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित करने के लिए बिलइससे स्पष्ट होता है कि ट्रंप प्रशासन के अंतर्गत भी इस मुद्दे पर अमेरिका की नीति में कोई बदलाव नहीं आया है. इस मामले में विदेश विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि अमेरिका चार बहुपक्षीय निर्यात नियंत्रण व्यवस्था में भारत की पूर्ण सदस्यता का समर्थन करता है और हमारा मानना है कि भारत एनएसजी की सदस्यता के लिए तैयार है.
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बता दे कि बुश प्रशासन के समय से ही भारत और अमेरिका इस ओर लगातार काम कर रहे हैं. ओबामा प्रशासन के तमाम प्रयासों के बाद भी चीन के विरोध के कारण यह कार्य नहीं हो सका. जानकारी दे दे कि एनएसजी 48 देशों का एक समूह जो आम राय के सिद्धांत पर कार्यरत है. चीन भी इसका सदस्य है. एनएसजी परमाणु हथियारों के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले सामग्री, उपकरण और तकनीक के निर्यात का नियंत्रण करता है. चीन लगातार भारत की सदस्यता का विरोध कर रहा है, जिसके कारण आम सहमति नहीं बन पा रही है.