यूपी सरकार का कहना है कि उत्तराखंड आपदा में लापता हुए यूपी के 92 लोगों में से 23 को सुरक्षित बरामद कर लिया गया है। वहीं, 64 की तलाश जारी है। आपदा में 5 लोगों की मृत्यु हो चुकी है।
प्रदेश सरकार की तरफ से राहत आयुक्त संजय गोयल ने ये बयान जारी किया है। आपदा से प्रभावित सबसे ज्यादा 30 लोग लखीमपुर खीरी जिले के हैं। इसके बाद सहारनपुर के 10, श्रावस्ती के 5, गोरखपुर के 4, रायबरेली व कुशीनगर के दो-दो, सोनभद्र, शाहजहांपुर, मुरादाबाद, मिर्जापुर, मथुरा, गौतमबुद्घनगर, देवरिया, चंदौली, बुलंदशहर, आजमगढ़ व अमरोहा का एक-एक व्यक्ति लापता है जिनकी तलाश लगातार की जा रही है।
आपदा में लखीमपुर खीरी के अवधेश (19) पुत्र लालता प्रसाद, अलीगढ़ के अजय शर्मा (32) पुत्र बाबू लाल, लखीमपुर के सूरज (20) पुत्र बेचूलाल, सहारनपुर के विकी कुमार पुत्र यशपाल सिंह व लखीमपुर खीरी के विमलेश (22) पुत्र बंधा की मौत हो गई।
बता दें कि प्रदेश के श्रावस्ती जिले के पांच मजदूर लापता हो गए थे। इनकी तलाश छठवें दिन भी नहीं हो पाई। लापता मजदूरों के साथ गए तीन साथी बचाव कर्मियों के साथ अपने साथियों की तलाश में जुटे हैं। वहीं समय बीतने के साथ ही परिजनों में भय बढ़ रहा है।
सिरसिया के रनियापुर व कटकुइयां गांव थारू बाहुल्य है। मजदूरी की तलाश में तीन माह पूर्व रनियापुर गांव से छोटू, वेद प्रकाश, हरीलाल, अजय, प्रभूनाथ, हीरालाल, राजू के साथ राजेश उत्तराखंड के तपोवन में जलविद्युत परियोजना में मजदूरी करने गए थे। वहां सभी एक साथ कंपनी के क्वाटर में रहते थे।
रविवार सुबह ग्लेश्यिर टूटने के बाद आई तबाही में छोटू, वेदप्रकाश, हरीलाल, अजय व प्रभूनाथ लापता हो गए थे। इसकी सूचना साथ गए अन्य तीन साथी ने गांव में दी थी। इसी के बाद डीएम व एसपी सहित अन्य अधिकारियों ने गांव का दौरा कर पीड़ित परिजनों को यथासंभव मदद पहुंचाने का आश्वासन दिया था।
वहीं, दूसरी ओर उत्तराखंड में बचे तीन मजदूर अपने साथियों को ढूंढने के लिए प्रयास कर रहे हैं। दूसरी ओर गांव में रह रहे लापता मजदूरों के परिजन लगातार वहां के मजदूरों के साथ जिले में स्थित कंट्रोल रूम से संपर्क बनाए हुए हैं। जैसे-जैसे समय बीतता जा रहा है, वैसे-वैसे परिजनों की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। जबकि उत्तराखंड में बचे मजदूर में राजू का कहना है कि आसपास की पहाड़ियों व अन्य रास्तों पर साथियों की तलाश कर रहे हैं।
एडीएम योगानंद पांडेय का कहना है कि जिला प्रशासन उत्तराखंड के अधिकारियों के संपर्क में है। जैसे ही यहां के मजदूरों का पता चलेगा। आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।