उत्तर प्रदेश में नई आबकारी नीति के तहत 1 अप्रैल से शराब व बीयर के दामों में बढ़ोतरी होने वाली है। नए वित्तीय वर्ष की शुरूआत होने के साथ ही प्रदेश में देशी व अंग्रेजी शराब के साथ-साथ बीयर के दाम भी बढ़ने वाले हैं। दरअसल प्रदेश कैबिनेट ने 29 जनवरी को आबकारी नीति वर्ष 2023-2024 को मंजूरी दी थी। जिसमें लाइसेंस फीस में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी।
कितने बढ़ेंगे दाम
एक अप्रैल से देशी शराब के क्वाटर पर लगभग पांच रुपये व अंग्रेजी शराब के पापुलर ब्रांड के क्वाटर पर करीब दस रुपये की दर से शराब मूल्यों में वृद्धि होगी। बीयर के दाम एक केन पर पांच से सात रुपये तक बढ़ेंगे। इसके अलावा वर्ष 2022-23 की तुलना में वर्ष 2023-24 में देशी शराब में एमजीक्यू (न्यूनतम गारंटी कोटा) पर दस प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
शराब विक्रेताओं को पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में इस बार देशी व अंग्रेजी शराब तथा बीयर की दस प्रतिशत अधिक बिक्री करनी होगी।
45 हजार करोड़ का राजस्व लक्ष्य
नये वित्तीय वर्ष में आबकारी विभाग ने 45 हजार करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य निर्धारित किया है। नई आबकारी नीति के अनुसार वर्ष 2022-23 के व्यवस्थित वार्षिक एमजीक्यू पर दस प्रतिशत की वृद्धि कर देशी मदिरा दुकानों का एमजीक्यू निर्धारित किया जाएगा। ग्रेन आधारित देशी शराब के दाम में भी बढ़ोतरी होगी।
विदेशी मदिरा, बीयर व भांग की फुटकर बिक्री की दुकानों व माडल शाप की लाइसेंसी फीस में दस प्रतिशत की बढ़ोतरी का निर्णय किया गया है। इसके साथ ही माडल शाप पर मदिरा पान का शुल्क दो लाख रुपये से बढ़ाकर अब तीन लाख रुपये निर्धारित किया गया है।
गोदाम संचालकों के लिए लाइसेंस शुल्क में वृद्धि
गोदाम संचालकों के लिए लाइसेंस शुल्क व प्रतिभूति में वृद्धि की गई है। मास्टर वेयरहाउस के पंजीकरण व नवीनीकरण फीस में भी वृद्धि की गई है। इसके अलावा गौतमबुद्धनगर के प्राधिकरण क्षेत्र, लखनऊ व गाजियाबाद के नगर निगम क्षेत्र तथा इसकी परिधि से पांच किलोमीटर तक नगरीय व ग्रामीण दोनों क्षेत्र में स्थित होटल, रेस्टोरेंट व क्लब बार लाइसेंस के लिए एक विशेष श्रेणी बनाते हुए इनकी फीस में वृद्धि की गई है।
इससे अन्य शहरों की तुलना में गौतमबुद्धनगर, लखनऊ व गाजियाबाद में होटल, रेस्टोरेंट व क्लब में शराब व बीयर महंगी होगी।