उन्नाव। तमाम जागरूकता अभियान चलाने व चार आइसीटीसी सेंटर होने के बाद भी जिले में एचआइवी पीडि़तों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े भी इसकी तस्दीक कर रहे हैं। पिछले पांच वर्षों में जिले भर में 330 एचआइवी पाजिटिव केस मिले। इस बढ़ती संख्या के बीच विभाग के होश तब उड़े जब इस वर्ष 31 जनवरी के बाद हुए जांच शिविरों में बांगरमऊ क्षेत्र के 38 पीडि़त एक साथ सामने आए।
उप्र राज्य एड्स कंट्रोल सोसाइटी (सेक) के अधीन जिले में संचालित आइसीटीसी सेंटर के काउंसलर हालांकि अलग तर्क के साथ दावा करते हैं। कहते हैं कि जिले में एचआइवी के मामलों की संख्या नहीं बढ़ी बल्कि बढ़ी जागरूकता की वजह से लोग जांच के लिए आगे आए और इससे मामले ज्यादा लग रहे हैं। सरकारी आंकड़ों में जो संख्या दिखाई जा रही है, उससे तो कहीं अधिक ऐसे लोग हैं जो किन्हीं कारणों से जांच के लिए सरकारी केंद्रों पर नहीं पहुंच रहे। बांगरमऊ का मामला सामने आने के बाद यह बात साफ भी होती जा रही है। इस प्रकार के हालत तब हैं जबकि एड्स नियंत्रण सोसाइटी लगातार जागरूकता लाने के लिए अभियान चला रही है। परीक्षण कैंप आदि का भी आयोजन कर रही है।
जिले में चिह्नित हुए रोगी
वर्ष—–परीक्षण–एचआइवी पाजिटिव
2014—-4327——69
2015—-5910——54
2016—-16397—–59
2017—-15750—–86
2018—–6131——62 (अब तक)
(स्रोत : एड्स नियंत्रण सोसाइटी)
महिला अस्पताल
जनवरी 2017 से 3 फरवरी 2018 तक 3425 महिलाओं का परीक्षण हुआ जिनमें 22 एचआइवी पाजिटिव पाई गईं। इनमें 10 गर्भवती हैं। इनमें पांच महिलाओं के पति भी एचआइवी पाजिटिव पाए गए हैं।
बांगरमऊ में मिले एचआइवी पाजिटिव
2016–12
2017–14
2018–38