उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन की बहन किम यो-जोंग ने कहा कि हम दक्षिण कोरिया को उसके वादा खिलाफी का दंड जरूर देंगे। किम यो-जोंग के इस बयान के बाद उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। किम की बहन ने कहा है कि सियोल ने उनके देश के साथ विश्वासघात किया है। इसके लिए कम्युनिस्ट देश उसके खिलाफ जल्द बड़ी कार्रवाई करेंगे। इस प्रकरण में दिलचस्प बात यह है कि अभी तक किम जोंग उन का कोई बयान दक्षिण कोरिया के खिलाफ नहीं आया है। इस बार दक्षिण कोरिया के खिलाफ बागडारे उसकी बहन ने थाम रखा है। बता दें कि किम यो-जोंग उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन की बहन और उनकी प्रमुख सलाहाकार भी है। योनहाप समाचार एजेंसी ने बताया कि सियोल के खिलाफ सेना की आवश्यक कार्रवाई की जिम्मेदारी इस बार किम की बहन पर है।
तनाव की बड़ी वजह बना सीमा पर उड़ रहे गुब्बारे पर लिखे संदेश
दरअसल, दक्षिण कोरिया के कुछ प्रदर्शनकारी उत्तरी कोरिया के सीमा पर बड़े संख्या में गुब्बारे उड़ाते हैं। इस पर उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के खिलाफ संदेश लिखे होते हैं। प्राय: गुब्बारे के जरिए प्रदर्शनकारी उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम और मानवाधिकार की निंदा संदेश भेजते हैं। उत्तर कोरिया को इन गुब्बारों पर सख्त ऐतराज है। इसको लेकर दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा है। उत्तर कोरिया के खिलाफ लिखे संदेशों वाले गुब्बारे तनाशाह किम जोंग उन की बहन ने इसे गंभीरता से लेते हुए सैन्य कार्रवाई की धमकी दी है।
पहले भी दे चुकी हैं दक्षिण कोरिया को धमकी
सीमा पर संदेशों वाले गुब्बारे को लेकर किम यो जोंग ने इस उत्तर कोरिया के खिलाफ प्रोपेगैंडा कहा था और दक्षिण कोरिया को चेतावनी दे चुकीं हैं। उन्होंने कहा था कि यदि सीमा पर दक्षिण कोरिया अपने प्रदर्शनकारियों को रोकने में नाकाम रहा तो उसका जल्द अंजाम भुगतना होगा। हालांकि, दक्षिण कोरिया ने पिछले दिनों इन प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की थी।
सैन्य और राजनीतिक संबंधों को खत्म करने का ऐलान किया
उत्तर कोरिया ने अपने प्रबल प्रतिद्वंद्वी दक्षिण कोरिया के साथ सभी तरह के सैन्य और राजनीतिक संबंधों को खत्म करने का ऐलान किया था। उत्तर कोरिया ने कहा कि वह अपने प्रतिद्वंद्वी दक्षिण कोरिया के साथ सभी संचार माध्यमों को खत्म कर देगा। उत्तर कोरिया की सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने कहा था कि दोनों देशों के बीच संपर्कों के सभी माध्यम को काट देगा। बता दें कि उत्तर कोरिया ने सीमा पर उसके खिलाफ पर्चे भेजने से दक्षिण कोरिया से उससे सैन्य और राजनीतिक संपर्कों को खत्म करने का फैसला लिया है।