डॉ. राजौरा ने महाकाल लोक का पैदल भ्रमण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया और सिंहस्थ में होने वाली व्यवस्थाओं की जानकारी ली। उन्होंने महाराज बाड़ा में बन रहे पर्यटन विभाग के होटल को भी देखा।
अपर मुख्य सचिव डॉ. राजौरा ने उज्जैन महाकाल मंदिर पहुंचकर पत्नी के साथ बाबा महाकाल के दर्शन किए और पूजन-अर्चन किया। इस दौरान संभाग आयुक्त संजय गुप्ता, आईजी उमेश योगा, डीआईजी नवनीत भसीन, कलेक्टर नीरज कुमार सिंह और पुलिस अधीक्षक प्रदीप कुमार शर्मा भी उपस्थित रहे। राजौरा ने महाकाल दर्शन के उपरांत महाकाल मंदिर में चल रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया और श्रद्धालुओं की दर्शन व्यवस्था का अवलोकन किया।
अपर मुख्य सचिव डॉ. राजौरा ने कहा कि सिंहस्थ 2028 के सुचारू संचालन के लिए विशेष स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं की व्यवस्थाएं उचित तरीके से की जाएं, इसके लिए व्यवहारिक योजना बनाई जानी चाहिए। शेष दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या इतनी अधिक नहीं रहती, जितनी विशेष पर्व या अमृत स्नान के दिन रहेगी। इसलिए अधिकतम 1 दिन में 3 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं की व्यवस्थाओं के उपाय किए जाने चाहिए। लगभग 3 करोड़ श्रद्धालु अमृत स्नान के दिन शिप्रा स्नान के लिए आएंगे और उनमें से जितने भी महाकाल मंदिर दर्शन के लिए आएं, उनके लिए सुव्यवस्थित दर्शन व्यवस्था हो, इसके लिए सुदृढ़ व्यवस्थाएं की जानी चाहिए।
डॉ. राजौरा ने महाकाल लोक का पैदल भ्रमण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया और सिंहस्थ में होने वाली व्यवस्थाओं की जानकारी ली। उन्होंने महाराज बाड़ा में बन रहे पर्यटन विभाग के होटल को भी देखा। इसके बाद शंकराचार्य चौराहे पहुंचे, जहां से उन्होंने सिंहस्थ 2028 के दौरान बनने वाले अलग-अलग सड़क मार्गों का निरीक्षण किया। श्रद्धालुओं की यातायात व्यवस्था, पार्किंग और उन्हें लाने-ले जाने की कार्ययोजना का भी निरीक्षण किया। इसी के साथ रामघाट पर श्रद्धालुओं के स्नान की व्यवस्थाओं का भी अवलोकन किया।
अपर मुख्य सचिव ने पेशवाई मार्ग का भी निरीक्षण किया और चौड़ीकरण के लिए आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा के अनुरूप मार्गों के चौड़ीकरण, पेशवाई मार्ग और सवारी मार्ग को सुव्यवस्थित करने की योजना का भी अवलोकन किया। उज्जैन विकास प्राधिकरण, लोक निर्माण विभाग और सेतु ब्रिज कॉर्पोरेशन के अधिकारियों द्वारा निर्माण कार्यों और प्रस्तावित योजनाओं की जानकारी दी गई।