इस साल देश भर में 10वीं की परीक्षा में लगभग 27.5 लाख स्टूडेंट्स फेल हो गए हैं। वहीं, 7.5 लाख परीक्षार्थी दसवीं की परीक्षा में शामिल ही नहीं हुए हैं। यह आंकड़ा मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन(एमओई) की ओर से जारी किया गया है।
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जारी डेटा के अनुसार, कुल 35 लाख स्टूडेंट्स 10वीं कक्षा से अगली कक्षा में यानी कि 11 कक्षा में नहीं पहुंच सके हैं। इनमें से 27.5 लाख फेल होने वाले स्टूडेंट्स हैं। वहीं, 7.5 लाख स्टूडेंट्स का आंकड़ा एग्जाम में नहीं बैठने वालों का हैं। दसवीं कक्षा में बेहतर प्रदर्शन नहीं करने वाले राज्य में सबसे कमजोर प्रदर्शन मेघालय बोर्ड का रहा है। मेघालय का सीनियर सेकेंडरी का रिजल्ट गया 57 प्रतिशत रहा है। वहीं, केरल इस बार सीनियर सेकेंडरी में कुल 99.85 स्टूडेंट्स पास हुए हैं। आंकड़ों में पता चला है कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (एनआईओएस) के माध्यम से 4.5 लाख छात्र परीक्षा में शामिल होते हैं। एनआईओएस में भी विफलता दर 47% से 55% के बीच होता है।
CBSE और CISCE से इतने फेल हुए स्टूडेंट्स
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) और CISCE
सहित केंद्रीय बोर्डों में छात्रों की विफलता दर का प्रतिशत 5% है। वहीं, राज्य बोर्डों में 16%तक से अधिक हो सकता है।
देश में ये हैं सेंट्रल बोर्ड
देश में तीन सेंट्रल बोर्ड हैं। इनके नाम हैं सीबीएसई यानी सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन, सीआईएससीई यानी काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन और एनआईओएस ( NIOS) यानी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपेन स्कूलिंग। इसके अलावा देश में 60 स्टेट बोर्ड हैं।