अपने शिकार को छोड़ना मगरमच्छ की फितरत में शामिल नहीं है लेकिन आज हम आपको एक ऐसे अनोखे मगरमच्छ के बारे में बताने जा रहे हैं जो सिर्फ मंदिर का प्रसाद खाकर ही अपना पेट भरता है।
ये लाइन भले ही आपको थोड़ी अजीब जरुर लगे लेकिन ये कोई कहानी नहीं बल्कि केरल के अनंतपुर लेक टेम्पल में रहने वाले मगरमच्छ बबिया की असलियत है।
वहां रह रहे लोगों का कहना है कि बबिया नाम का मगरमच्छ बीते कई सालों से लेक टेम्पल की रखवाली का करता है। वो स्वभाव से बेहद शांत है और खाने में पूरी तरह से शाकाहारी है।
इस बारे में मंदिर प्रशासन का कहना है कि बीते 150 सालों से इस तालाब में मगरमच्छ दिख रहे हैं, मगर एक बार में सिर्फ एक मगरमच्छ ही दिखाई देता है। एक मगरमच्छ के मरने पर दूसरा अपने आप ही आ जाता है।
मंदिर प्रशासन के मुताबिक बबिया के खाने का समय भी फिक्स है। दोपहर की पूजा के बाद बबिया चावल और गुड़ का बना प्रसाद ही खाता है।