आज बाल दिवस है। बाल दिवस पर आप अपने छोटे बच्चों को जरूर कुछ गिफ्ट देने का प्लान कर रहे होंगे। इस दिन आप उन्हें कुछ ऐसा गिफ्ट दे सकते हैं, जो उनके जीवन में लंबे समय तक काम आए। आप अपने बच्चों का सेविंग अकाउंट खुलवा सकते हैं। इससे ना सिर्फ बच्चों में बचत करने की आदत पैदा होगी, बल्कि उनके भविष्य के लिए एक फंड भी तैयार होगा।
बच्चों को फेस्टिवल्स, बर्थडे आदि पर कई लोगों से गिफ्ट में पैसा भी मिलता है। इस पैसे को वे अपने सेविंग अकाउंट में जमा करा सकते हैं। इस तरह बच्चों को सेविंग अकाउंट गिफ्ट करना उनके लिए एक परफेक्ट गिफ्ट साबित हो सकता है। साथ ही इस तरह बैंकिंग के बारे में भी उनकी समझ बढ़ेगी। नाबालिग बच्चों के लिए कई तरह के सेविंग अकाउंट बैंक ऑफर करते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं, जो बच्चों का सेविंग अकाउंट खुलवाते समय आपके जरूर काम आएंगी।
साल 2014 में भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों को नाबालिगों के लिए सेविंग अकाउंट की पेशकश करने की अनुमति दी थी। उसके बाद से कई प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर के बैंक नाबालिग बच्चों के लिए सेविंग बैंक अकाउंट की पेशकश कर रहे हैं। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया पहला कदम और पहली उड़ान नाम से दो तरह के स्पेशल सेविंग बैंक अकाउंट की पेशकश करता है। इसी तरह एचडीएफसी बैंक किड्स एडवांटेज, कोटक महिंद्रा बैंक माय जूनियर और एक्सिस बैंक फ्यूचर स्टार्स सेविंग्स नाम से बच्चों के लिए स्पेशल बैंक अकाउंट की पेशकश करता है।
आईसीआईसीआई बैंक और एसबीआई बैंक नाबिलग बच्चों के लिए दो तरह के बैंक अकाउंट की पेशकश करते हैं। पहला उन बच्चों के लिए जो 10 साल से कम आयु के हैं और दूसरा उन बच्चों के लिए जो 10 से 18 साल के बीच के हैं। दस साल से कम आयु के बच्चों का बैंक अकाउंट अभिवावकों द्वारा ऑपरेट किया जा सकता है। वहीं, 10 से 18 साल के मध्य की आयु के बच्चे स्वयं अपना अकाउंट ऑपरेट कर सकते हैं। जब बच्चा 18 साल की आयु का हो जाता है, तो उसे अपने अकाउंट को रेगुलर सेविंग अकाउंट में बदलने की आवश्यकता होती है।
नाबालिग बच्चों का सेविंग अकाउंट खुलवाने के लिए आवश्यक दस्तावेजों में हालिया फोटो, जन्मतिथि का प्रूफ (जन्म प्रमाण पत्र), बच्चे का अभिवावक के साथ रिश्ते का प्रूफ (राशन कार्ड या लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी), अभिभावक का पेन नंबर और एड्रेस प्रूफ शामिल हैं।
इन बैंक अकाउंट्स में इंटरनेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड, एटीएम सेवा, चेक बुक, पासबुक जैसी सुविधाएं भी दी जाती हैं। साथ ही इन अकाउंट में ब्याज दर सामन्यतया 3 से 4.5 फीसद के बीच होती है।
खास बात यह है कि इन अकाउंट्स में बैंक इंटरनेट बैंकिंग और डेबिट कार्ड के दुरुपयोग को रोकने का भी बंदोबस्त करते हैं। उदाहरण के तौर पर पहली उड़ान खाताधारक की इंटरनेट बैंकिंग से ट्रांजेक्शन की सीमा 5,000 रुपये प्रति दिन होती है। साथ ही खाताधारक एक दिन में एटीएम से सिर्फ 5,000 रुपये ही निकाल सकता है।
इस तरह के अकाउंट में न्यूनतम एवरेज बैलेंस रखना होता है। यह सामान्य अकाउंट की तुलना में कम होता है। कई बैंक इसमें पूरी तरह छूट भी देते हैं, तो कहीं सिर्फ 500 रुपये होता है।