इस कठिन व्रत से मिलती है मुक्ति, व्रती इन बातों का रखें विशेष ध्यान

निर्जला एकादशी के नाम से ही ज्ञात हो जाता है कि ये व्रत जल की एक बूंद भी ग्रहण किए बिना किया जाता है. यूं तो साल में 24 एकादशियां आती हैं और हर एकादशी का अपना एक विशेष महत्व है लेकिन ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी अत्यंत विशेष मानी गई है जिसका नाम है निर्जला एकादशी. न जल की एक बूंद और न ही अन्न का एक दाना. इस कठिन व्रत को करने के कई नियम हैं जिनका पालन व्रती को जरूर करना चाहिए. अगर आप ये व्रत पहली बार करने जा रहे हैं तो इसके नियम जानना आपके लिए  बेहद जरूरी है. लेकिन पहले आपको बताते हैं कि इस बार निर्जला एकादशी कब है. 

इस बार 21 जून को रखा जाएगा निर्जला एकादशी का व्रत

यूं तो एकादशी तिथि 20 जून की शाम 4 बजे से ही शुरू हो जाएगी और 21 जून को दोपहर डेढ़ तक रहेगी लेकिन इसका व्रत 21 जून को ही रखा जाएगा और व्रत का पारण होगा 22 जून यानी अगले दिन. 

इन बातों का खास ध्यान रखें व्रती

निर्जला एकादशी का व्रत भगवान विष्णु के निमित्त किया जाता है. कहते हैं ये व्रत मोक्ष प्रदान करता है और जन्मों जन्मों के बंधन से मुक्ति दिलाता है. लेकिन इस व्रत के जितने लाभ है ये उतना ही कठिन भी है. क्योंकि इस व्रत को बिना जल ग्रहण किए किया जाता है. जो जेठ की तपती दोपहरी में भक्तों की परीक्षा से कम नहीं होता. इसके अलावा भी व्रती को कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए. जो इस प्रकार हैं – 

  • हो सके तो इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर पूजा की तैयारी करें. लेकिन किसी भी कारण से देर तक न सोएं. 
  • मंदिर को साफ करें और गंगाजल छिड़क कर भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने दीपक जलाएं और व्रत का संकल्प लें. 
  • एकादशी व्रत की कथा पढ़ें और श्री हरि का स्मरण करें. 
  • इस दिन खासतौर से ध्यान रखें कि आपको पानी नहीं पीना इसके अलावा एकादशी व्रत में अन्न ग्रहण नहीं किया जाता. 
  • अगले दिन व्रत का पारण सुबह 8 बजे तक कर दें. इसमें नहा धोकर भोजन बनाएं, श्री हरि को भोग लगाएं और ब्राह्मण को दान दें. 

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com