जमुई मुख्यालय स्थित शास्त्री कॉलोनी में रहने वाले एक रिटायर्ड वनकर्मी से साथ साइबर ठगी का बड़ा मामला सामने आया है। जहां साइबर ठगों ने बिजली बिल अपडेट करने के बहाने उनके बैंक खाते से कुल नौ लाख 95 हजार रुपए उड़ा लिए। जब इस बात की जानकारी पीड़ित को हुआ तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। इसको लेकर रिटायर्ड वनकर्मी ने साइबर थाना में आवेदन देकर शिकायत दर्ज कराई है।
सुधार के लिए मात्र 10 रुपये देने के लिया कहा
पीड़ित गोपाल शरण सिन्हा ने बताया कि 31 मई को उन्हें एक व्यक्ति ने कॉल किया और खुद को आर. के. मिश्रा इलेक्ट्रिक ऑफिस का कर्मचारी बताया। उसने कहा कि उनका बिजली बिल दो महीने से अपडेट नहीं हुआ है। सुधार के लिए केवल 10 रुपए भेजने को कहा। इसके लिए उनके मोबाइल पर एक फर्जी लिंक और बिजली बिल का दस्तावेज भेजा गया। जैसे ही पीड़ित ने लिंक खोला, उनका मोबाइल गर्म होने लगा। एक हफ्ते बाद 7 जून को उनको मोबाइल खराब हो गया। मोबाइल रिपेयरिंग करवाने पर पता चला कि सिम कार्ड डैमेज हो गया है। 13 जून को नया सिम लेकर जब उन्होंने बैंक खाता चेक किया तो खाते से रुपये गायब थी। इसके बाद पीड़ित पंजाब नेशनल बैंक से स्टेटमेंट निकलवाया, जिसमें पता चला कि उनके खाते से 8 से 10 जून के बीच कई बार ट्रांजैक्शन हुए।
एक दिन छह बार किया ट्रांजैक्शन
पीड़ित ने बताया कि नौ जून को छह बार ₹99,900, एक बार ₹99,990 और दस बार ₹5,000 की निकासी हुई है। 10 जून को ₹99,990 और ₹97,000 की निकासी की गई। 10 जून को ही चार बार ₹10,000 और दो बार ₹5,000 रुपए अकाउंट में डाले भी गए, लेकिन बाद में वह राशि भी निकाल ली गई। इस तरह साइबर ठगों ने रिटायर्ड वनकर्मी के खाते से कुल ₹9,95,000 की ठगी किया है। पीड़ित ने बताया कि मैंने बैंक के कस्टमर केयर से संपर्क किया। मुझे जानकारी मिली कि खाता धारक चाहें तो अपनी UPI लिमिट को दो लाख से बढ़ाकर 10 लाख तक कर सकते हैं। मुझे शक है कि मोबाइल हैक कर ठगों ने UPI लिमिट बढ़ाकर इतने ट्रांजैक्शन किए हैं। इधर साइबर डीएसपी राजन कुमार ने बताया कि, पीड़ित द्वारा लिखित शिकायत की गई है। पूरे मामले की जांच की जा रही है। जल्द ही ठगों की पहचान कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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