पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ‘नया पाकिस्तान’ बनाने और अपने देश से गरीबी को पूरी तरह से खत्म करने को लेकर एक प्लान पेश किया है जिसे काफी महत्वाकांक्षी और साहसिक बताया जा रहा है. ‘एहसास’ नाम के इस प्लान के द्वारा पाकिस्तान में असमानता कम करने, गरीबी खत्म करने, जनकल्याण के लिए निवेश करने और विकास में पिछड़ गए जिलोंको आगे बढ़ाने का लक्ष्य है. इसके तहत 4 क्षेत्रों में 115 नीतिगत कदम उठाए जाएंगे.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा सोमवार को जारी 15 पेज के पॉलिसी स्टेटमेंट में इस योजना का खाका पेश किया गया है. खुद पीएम इमरान खान ने इसकी जानकारी दी है. एहसास योजना वैसे तो 27 मार्च को ही लॉन्च हो गई थी, लेकिन इसके बारे में विस्तार से नीतियां पहली बार पेश की गई हैं. इसके तहत वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने, डिजिटल सेवाओं तक पहुंच बढ़ाने और महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए डेटा और टेक्नोलोजी का इस्तेमाल किया जाएगा.
इमरान खान ने बताया कि यह कार्यक्रम 115 नीतिगत कदमों के द्वारा चार क्षेत्रों में केंद्रित होगा. इसमें संसाधनों तक अभिजात्य वर्ग के कब्जे की समस्या को भी दूर किया जाएगा, क्योंकि यह एक तरह का भ्रष्टाचार है जिसमें सामाजिक रूप से बेहतरीन हैसियत रखने वाले कुछ लोगों के फायदे के लिए जनसंसाधनों का इस्तेमाल होता है. उन्होंने बताया कि फोकस के अन्य क्षेत्रों में जनसंख्या के वंचित वर्ग के लिए सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने, रोजगार एवं जीविका और मानव पूंजी विकास शामिल हैं. इमरान ने ट्वीट कर कहा, ‘एहसास गरीबों के लिए पाकिस्तान का अब तक का सबसे बड़ा साहसिक कार्यक्रम है. सरकार सभी पक्षों-जनता, निजी क्षेत्र, सिविल सोसाइटी, परोपकारियों और प्रवासी पाकिस्तानियों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करेगी कि करोड़ों लोगों को गरीबी से बाहर निकालने और एक मजबूत, सुरक्षित और सफल पाकिस्तान बनाने के लिए मजबूत बुनियाद तैयार करने का अपना वादा पूरा कर सके.
पाकिस्तान के गरीबी उन्मूलन समन्वय परिषद द्वारा गहन परामर्श से यह कार्यक्रम तैयार किया गया है. इसके तहत स्वास्थ्य एवं उच्च शिक्षा में आड़े आ रहे वित्तीय बाधाओं को दूर करने, गरीबी उन्मूलन के लिए पूंजी निर्माण, आर्थिक तरक्की और सतत विकास में केंद्र की भूमिका पर जोर दिया जाएगा.
इमरान खान ने कहा कि इस योजना के तहत वादे इस आधार पर ही पूरे हो सकते हैं कि संस्थाओं को मजबूत बनाया जाए, पारदर्शिता हो और बेहतर शासन हो. यह बेहद गरीब लोगों, अनाथों, बेघरों, विकलांग और अस्वस्थ लोगों के लिए तैयार किया गया है.
हालांकि, बड़ा सवाल यह है कि पाकिस्तान सरकार अपनी इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए पैसे कहां से लाएगी, क्योंकि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की हालत बेहद नाजुक है. खजाना खाली है और खुद इमरान सरकार राहत पैकेज के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से कई बार चिरौरी कर चुकी है.