पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भगवंत मान के बयान की कड़ी आलोचना की और कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि मान जैसे लोग जिन्हें संवैधानिक और कानूनी प्रक्रिया के बारे में बिल्कुल भी ज्ञान नहीं है, वह राजनीति में हैं और लोगों को गुमराह करने के उद्देश्य के तहत बिना किसी तर्क के बयान देते रहते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्रीय कानूनों को चुनौती देने के लिए जरूरी याचिकाओं को पहले ही तैयार कर लिया है और इन्हें कानूनी विशेषज्ञों की सलाह के बाद उचित समय पर दायर किया जाएगा। कैप्टन ने कहा कि अपने बॉस की तरह मान भी झूठ बोलने और धोखा देने की कला में महारत हासिल कर चुके हैं लेकिन ऐसा करते हुए उन्होंने संवैधानिक और वैधानिक प्रक्रियाओं के बारे में ओछे बयान देकर सांसद के तौर पर अपनी नाकाबिलियत का पर्दाफाश किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र के कृषि कानूनों को बेअसर करने के लिए पंजाब विधानसभा ने तो सर्वसहमति से बिल पास किया। उन्होंने मान से कहा कि आपको सचमुच बिल्कुल भी नहीं पता कि वैधानिक काम कैसे किए जाते हैं। उन्होंने भगवंत मान को सलाह दी कि वह ऐसे महत्वपूर्ण मामलों पर अपना मुंह बंद ही रखा करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार की तरफ से केंद्र के काले कानूनों के मुद्दे पर पहले दिन से एक ही स्टैंड लिया गया है, जिस पर वह अब तक कायम हैं लेकिन आप और अकाली दल दोनों ने बार-बार इस मुद्दे पर यू-टर्न लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक दिन आपकी पार्टी ने हमारे बिलों पर निर्विरोध समर्थन दिया और विरोधी पक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा साथ में राज्यपाल से मिलने भी गए लेकिन अगले ही दिन पार्टी ने विरोध करना शुरू कर दिया।