जम्मू कश्मीर में आतंकी गतिविधियां लगातार बढ़ रही है. सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है. हालांकि, सेना ने हर मोर्चे पर आतंकियों का मुंहतोड़ जवाब दिया है.
2014 में पूर्ण बहुमत से सत्ता में आई नरेंद्र मोदी सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार किया है. जम्मू कश्मीर में एनडीए की सरकार ने अपने कार्यकाल में यूपीए सरकार के मुकाबले ज्यादा आतंकियों का खात्मा किया है.
आंकड़ों के मुताबिक भाजपा नीत मोदी सरकार ने 2017 तक के अपने कार्यकाल (2014, 2015, 2016 और 2017) में 580 आतंकियों को मार गिराया. वहीं, कांग्रेस की यूपीए सरकार ने 2010 से लेकर 2013 तक के अपने कार्यकाल में 471 आतंकियों को मार गिराया था. जाहिर है मोदी सरकार में आतंकियों के खात्मे का आंकड़ा तेजी से बढ़ा है.
इस बीच आतंकियों के साथ दोनों सरकारों में आतंकियों के साथ मुठभेड़ के दौरान एनडीए सरकार में कम जान-माल की हानी हुई. आंकड़ों के मुताबिक, मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से 2017 तक आतंकी गतिविधियों में कुल 100 लोगों ने जान गंवाई. वहीं, यूपीए की सरकार में 2010 से 2013 तक के कार्यकाल के दौरान 108 लोगों की मौत हुई.
मोदी सरकार में यूपीए के मुकाबले आतंकी घटनाओं की संख्या भी कम रही. यूपीए सरकार में 2010 से 2013 तक 1218 आतंकी घटनाएं हुईं. वहीं, मोदी सरकार के 2014 से 2017 तक के कार्यकाल में 1094 आतंकी घटनाएं हुईं.
अक्टूबर 2017, में सूचना के अधिकार (RTI) द्वारा गृह मंत्रालय से मांगी गई सूचना के मुताबिक मनमोहन सरकार के समय गृह मंत्रालय ने आतंकवाद से लड़ने के लिए अपने कार्यकाल के अंतिम 3 वर्षों में तकरीबन 850 करोड़ रुपये जारी किए, जबकि मोदी सरकार के गृह मंत्रालय ने ने 3 साल के दौरान 1,890 करोड़ रुपये इस बाबत जारी किए.