नई दिल्ली: भारत में क्यू खेलों की स्थिति की लगातार निंदा करने के बावजूद पंकज आडवाणी ने लगातार विश्व खिताब जीतने का सिलसिला जारी रखा और इस बार भी छोटे प्रारूप में विश्व बिलियर्डस खिताब जीतकर अपने विश्व खिताबों की संख्या 16 कर ली।
आडवाणी ने पिछले तीन साल में आठ विश्व खिताब जीते हैं। इस महीने की शुरूआत में उन्होंने चिर प्रतिद्वंद्वी और दो बार के विश्व चैम्पियन पीटर गिलक्रिस्ट को हराकर विश्व बिलियर्डस खिताब जीता। पिछले साल उन्होंने खिताबों की हैट्रिक पूरी की थी और 2014 में चार खिताब जीते थे। उन्होंने पहली बार एशियाई सिक्स रेड स्नूकर खिताब भी मई में जीता। इस साल ध्रुव सितवाला ने अपना एशियाई बिलियर्डस खिताब बरकरार रखा जिन्होंने फाइनल में हमवतन भास्कर बालाचंद्रा को मात दी। बालाचंद्रा ने इस टूर्नामेंट में आडवाणी को हराया था। 42 साल के धरमिंदर लिली ने पहले प्रयास में मास्टर्स वर्ग (40 साल से ऊपर) में विश्व स्नूकर खिताब जीता।
आडवाणी एक बार फिर सुखिर्यों में रहे जिन्होंने बिलियर्डस और स्नूकर दोनों में कामयाबी हासिल की। दोहा में विश्व स्नूकर चैम्पियनशिप में कांस्य जीतने के एक सप्ताह बाद उन्होंने अपने शहर बेंगलुरू में विश्व बिलियर्डस खिताब जीता।
आडवाणी ने कहा, ‘बिलियर्ड्स से स्नूकर या स्नूकर से बिलियर्ड्स में जाना इतना आसान नहीं होता। खासकर अगर आप टूर्नामेंट में गत चैम्पियन के तौर पर उतर रहे हैं। दोहा में विश्व स्नूकर चैम्पियनशिप के सेमीफाइनल में हारकर मैं दुखी था। इसके बाद मैंने अपनी लय फिर हासिल करके विश्व बिलियर्ड्स खिताब जीता।’ आडवाणी का मानना है कि यहां सारा फोकस ओलंपिक, राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों पर होता है जो चार साल में एक बार होते हैं जबकि क्यू खेलों में विश्व चैम्पियनशिप हर साल होती है।
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