भगवान भोलेनाथ का यूं तो पूरे साल ही पूजन किया जाता है, हालांकि सावन का माह उन्हें अधिक प्रिय होता है। सावन का आज दूसरा सोमवार है और बाबा के भक्त उनकी पूजा-अर्चना में लगे हुए हैं। कहा जाता है कि भोलेनाथ जी भक्तों की पूजा से बहुत जल्द प्रसन्न हो जाते हैं। वे एक लौटे जल और बेलपत्र से ही अपने भक्तों पर कृपा बरसाने लगते हैं।
सावन के हर सोमवार का विशेष महत्त्व होता है। इस बार सावन में कुल 5 सोमवार आएंगे। सावन का आज दूसरा सोमवार है। सावन सोमवार के दिन शिव जी की पूजा-अर्चना की बात की जाए तो इस दौरान भक्तों को तन और मन दोनों से पवित्र होना चाहिए। आलस्य और अपवित्रता को पूजा-पाठ के दौरान कोई स्थान नहीं देना चाहिए।
सावन सोमवार के दिन आप रुद्राभिषेक कर शिवजी को और भी अधिक खुश कर सकते हैं। ऐसी मान्यता है कि इसका फल भक्तों को उसी पल मिल जाता है। साथ ही पूजा के दौरान यदि आप शिव जी को उनका प्रिय फूल चढ़ाते हैं तो यह और भी बेहतर होगा। धतूरे के फूल शिव जी को अति प्रिय होते हैं। इसके साथ ही आप हरसिंगार, नागकेसर के सफेद पुष्प, कनेर, आक, कुश आदि के फूल भी तीनों लोकों के स्वामी भगवान भोलेनाथ को अर्पित कर सकते हैं। ध्यान रहें कि पूजा के दौरान ॐ नमः शिवाय, नम: शिवाय, ॐ ह्रीं ह्रौं नम: शिवाय, ॐ पार्वतीपतये नम: और ॐ पशुपतये नम:, मंत्र का जाप भी करते रहें।