शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी को समर्पित होता है। इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है। साथ ही मां के निमित्त लक्ष्मी वैभव व्रत भी किया जाता है। इसके अलावा, शुक्रवार को शुक्र ग्रह की पूजा की जाती है। इससे करियर, कारोबार और प्रेम संबंध में सफलता मिलती है। धार्मिक मान्यता है कि शुक्रवार को मां लक्ष्मी की पूजा उपासना करने से व्यक्ति को धन की प्राप्ति होती है। साथ ही घर में सुख और समृद्धि का आगमन होता है। इसके लिए लोग विधिवत धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं। आचार्य चाणक्य ने भी अपनी रचना में धन प्राप्ति के योग की जानकारी दी है। आचार्य की मानें तो 3 जगहों पर मां लक्ष्मी खुद चलकर आती हैं। इससे व्यक्ति को अपार धन और सुख की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं-
-आचार्य चाणक्य का कहना है कि कड़ी मेहनत करने वालों पर मां लक्ष्मी की कृपा अवश्य बरसती है। वहीं, मेहनत कर अन्न संचय करने वाले के यहां मां लक्ष्मी वास करती हैं। इसके लिए हमेशा कठिन परिश्रम करनी चाहिए। मेहनत करने में किसी प्रकार की कोई कंजूसी न करें। आपकी मेहनत से प्रसन्न होकर नारायण और मां लक्ष्मी खुद चलकर आपके घर आएंगे।
-आचार्य चाणक्य की मानें तो जिस घर में पारिवारिक कलह रहती है। पति और पत्नी के बीच लड़ाई झगड़े होते रहते हैं। उनके घर पर मां लक्ष्मी कभी वास नहीं करती हैं। अगर आ भी जाती हैं, तो तत्काल ही चली जाती हैं। इसके चलते दांपत्य जीवन में आर्थिक, मानसिक और शारीरिक परेशानियां होती हैं। इसके लिए घर का वातावरण बेहद शांत रखें। आसान शब्दों में कहें तो घर में शांति बनाए रखें। एक दूसरे से प्यार और स्नेह की भावना रखें। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। ऐसे घर में मां लक्ष्मी खुद चलकर आती हैं।
-आचार्य चाणक्य का कहना है कि घर पर मूर्खों और चुगलखोरों को सम्मान न दें। आसान शब्दों में कहें तो जहां मूर्खों का सम्मान होता है। उस जगह पर मां लक्ष्मी एक पल नहीं ठहरती हैं। घर में मां लक्ष्मी को स्थान देना चाहते हैं, तो मूर्खों और चुगलखोरों से दूर रहें।