अप्रैल को दुनियाभर में मलेरिया दिवस मनाया जाता है। मलेरिया होने पर न्यूरोलॉजिकल दिक्कतों से लेकर रीनल फेलियर तक जटिलताएं देखी जाती हैं। ऐसे में आइए जानें कि मलेरिया किन स्वास्थ्य समस्याओं की वजह बन सकता है।
मलेरिया तब होता है जब किसी व्यक्ति को एनोफ़ेलीज़ मच्छर काट ले। यह बीमारी कोविड या वायरल फ्लू की तरह एक व्यक्ति से दूसरे में नहीं फैलती। कुछ मामलों में मलेरिया इन्फेक्टेड व्यक्ति का खून चढ़ाने या फिर ऑर्गन ट्रांसप्लांट से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। इन्फेक्शन के 10 दिनों से लेकर 4 हफ्तों तक मलेरिया के लक्षण दिखने शुरू हो सकते हैं। बुखार, पसीना, कंपकपी, सिर दर्द, बीमार महसूस होना, मांसपेशियों में दर्द, मितली और उल्टी होना मलेरिया के आम लक्षणों में से हैं।
प्लासमोडियम प्रमुख प्रोटोज़ोआ है, जो मादा मच्छर एनोफिलिस के काटने से मनुष्यों में फैलता है। क्रॉनिक जटिलताएं कम देखी जाती हैं, इससे अकसर वे लोग जूझते हैं, जिन्हें बार-बार मलेरिया होता है।
मलेरिया से पैदा हो सकती हैं ये जटिलताएं
– लिवर फेलियर और जॉनडिस: जिसमें त्वचा और आंखें पीली हो जाती हैं।
– शॉक : ब्लड प्रेशर का अचानक से गिरना।
– फेफड़ों का फूल जाना (pulmonary oedema): फेफड़ों में फ्लूएड का भर जाना।
– एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (ARDS)
– ब्लड शुगर कम हो जाना- हाइपोग्लाइसीमिया
– किडनी फेलियर
– स्प्लीन का सूजना और फटना
मलेरिया बढ़ाता है इन खतरनाक स्वास्थ्य स्थितियों का जोखिम
1. न्यूरोलॉजिकल दिक्कतें
अगर गंभीर स्टेज पर पहुंच जाए, तो यह दिमाग को प्रभावित कर सकता है। कई मामलों में देखा गया है कि इस बीमारी के कारण मरीज की समझने और सीखने की क्षमता प्रभावित होती है। इसमें मरीज
को कंपकंपी, चलने के दौरान असंतुलन और इलाज में देरी होने पर मलेरिया के कारण दौरे पड़ना जारी रह सकते हैं।
2. किडनी फेलियर
कई बार मलेरिया गंभीर हो जाने पर इसका असर किडनी पर भी पड़ता है। अगर इसका इलाज न किया जाए, तो इससे किडनी फेलियर भी हो सकता है।
3. ट्रॉपिकल स्प्लेनेगली सिंड्रोम
अफ्रीका और पूर्वी दक्षिण एशिया जैसे हिस्सों में जहां हर साल फैलता है, यहां मरीजों में स्प्लीन का इम्यूनोलॉजिकल ओवरस्टीमुलेशन होता है, जिससे यह इसका आकार बड़ा हो जाता है और यहां तक कि कुछ मामलों में फट भी सकता है। इसकी वजह से ब्लड का स्तर कम हो जाता है, शरीर में भयानक कमजोरी और थकावट रहती है, जिसका असर जीवन की गुणवत्ता पर पड़ता है। इसके फटने से मरीज की जान भी जा सकती है।
4. प्रेग्नेंसी में मलेरिया
गर्भावस्था के दौरान अगर मां को मलेरिया हो जाए, तो इससे भ्रूण के विकास पर दीर्घकालिक प्रभाव पैदा हो सकता है। इससे मिसकैरिज होने की संभावना बढ़ सकती है, बच्चे का जन्म के समय वजन कम हो सकता है और विकास से जुड़ी कई दिक्कतें हो सकती हैं।
6. ब्रेन को क्षति
मलेरिया दिमाग को भी प्रभावित करता है, लेकिन ऐसा कम मामलों में देखा गया है। इसे सेरेब्रल मलेरिया के रूप में जाना जाता है, जो आपके मस्तिष्क में सूजन पैदा कर सकता है, कभी-कभी स्थायी मस्तिष्क क्षति का कारण बन सकता है।
7. कैंसर
मलेरिया हमारे इम्यून सिस्टम को भी प्रभावित कर सकता है। जिससे शरीर EBV वायरस की तरह के इन्फेक्शन की चपेट में आसानी से आ सकता है। इस वायरस का लिम्फोमा से सीधा संबंध है।