अलवर में नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म पर भड़का लोगों का गुस्सा, कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर साधा निशाना

अलवर में गत मंगलवार रात को 14 साल की मूक-बधिर नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के बाद लोगों का गुस्सा भड़क गया है। इसको लेकर भाजपा जहां सड़क पर उतर कर विरोध जता रही है, वहीं आम लोग इंटरनेट मीडिया पर नाराजगी जता रहे हैं। दिल्ली के निर्भया केस को याद कर वह राजस्थान की कांग्रेस सरकार को नसीहत दे रहे हैं। वह कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर भी निशाना साध रहे हैं।

अपहरण कर वारदात को दी अंजाम

चूंकि, पीडि़ता मूक-बधिर है, ऐसे में विशेषज्ञों के साथ अस्पताल जाकर पुलिस उससे पूछताछ की तैयारी कर रही है। गौरतलब है कि पीडि़ता का कुछ लोगों ने अपहरण कर लिया था। सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसको अलवर की तिजारा फाटक पुलिया पर फेंक दिया था। कार से नाबालिग को फेंकते हुए कुछ लोगों ने आरोपितों को देखा तो पुलिस को सूचना दी। उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे जयपुर रेफर कर दिया गया था।

प्रियंका गांधी वाड्रा का घेराव

गत बुधवार को उसका करीब ढाई घंटे तक आपरेशन किया गया। उसके गुप्तांग व मलद्वार में काफी चोट आई थी। इस वारदात के बाद सूबे की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा आक्रामक हो गई। उसने सूबे के प्रवास पर आईं कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का घेराव करने का प्रयास किया। इस दौरान कई भाजपा नेताओं को पुलिस ने हिरासत में भी लिया, मगर भाजपाइयों ने अपना विरोध जारी रखा।

सोशल मीडिया पर लोग जता रहे अपनी नाराजगी

अब इस मामले में आम लोग भी नाराजगी जता रहे हैं। इंटरनेट मीडिया पर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। एक व्यक्ति ने राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार की एक मंत्री को घेरते हुए ट्विटर पर लिखा- आखिरकार कांग्रेस हर बात पर हिंदुओं को क्यों बदनाम करती है। राजस्थान में कांग्रेस मंत्री यह क्या कह रही हैं कि दरिंदे पर कोई तिलक नहीं लगा है, जिससे पता चले कि यह दरिंदा है। लेकिन, यही तिलक की जगह अगर टोपी वाला होता तो अब तक इसके खिलाफ जुलूस निकल गया होता।

मामले की तुलना निर्भया केस से की

एक व्यक्ति ने प्रियंका गांधी पर निशाना साधते हुए लिखा कि अपनी समस्याओं को ठीक उसी तरह अनदेखा करें, जैसे प्रियंका गांधी राजस्थान में अपराध के मामलों को लेकर करती हैं। कुछ यूजर ने इस मामले की तुलना दिल्ली के निर्भया केस से की।

विशेषज्ञ ने पीडि़ता से बातचीत की कोशिश

उधर, समाचार एजेंसी प्रेट्र के मुताबिक राजस्थान पुलिस का कहना है कि विभिन्न स्थानों से एकत्र किए गए सीसीटीवी फुटेज में पीडि़ता को शहर के कई इलाकों और पुल पर चलते हुए देखा जा सकता है, लेकिन किसी भी कैमरे ने उसे पुलिया पर व्यथित स्थिति में नहीं देखा गया। पुलिस ने कहा कि वह विशेषज्ञों के लिए एक प्रश्नावली तैयार कर रही है, ताकि वह पीडि़ता से मामले से संबंधित जानकारी जुटा सके। इस बीच एक बाल मनोवैज्ञानिक और विशेषज्ञ ने पीडि़ता से बातचीत की कोशिश की।

माता-पिता को कर रही है याद

पीडि़ता के प्राइवेट अंग को काफी नुकसान पहुंचाया गया था। ऐसे में उसका आपरेशन तो कर दिया गया है, मगर स्थिति में अभी बहुत ज्यादा सुधार नहीं है। सूत्र बताते हैं कि बोलने में अक्षम पीडि़ता अपने माता-पिता को बार-बार याद कर रही है। उसने इशारों में ही विशेषज्ञों को अपने साथ हुई वारदात की जानकारी दी है। 

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