सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले पर अब 6 अप्रैल को अगली सुनवाई होगी। राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद स्वामित्व को लेकर आज हुई सुनवाई के दौरान अगली तारीख तय की गई। बता दें कि इस सुनवाई में यह तय किया जाना था कि इस भूमि विवाद के मसले को पांच सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेजा जाना चाहिए या नहीं।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मामले में किसी तीसरे पक्ष को सुनने से इनकार कर दिया था। अदालत ने दोटूक कहा था कि वह पक्षकारों को बातचीत के जरिए अयोध्या विवाद का हल निकालने के लिए नहीं कहेगा। अदालत पहले यह तय करेगी कि इस भूमि विवाद के मसले को पांच सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेजा जाना चाहिए या नहीं।
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय विशेष पीठ ने कहा है कि वह पक्षकारों को इस विवाद का बातचीत के जरिए समाधान निकालने का दबाव नहीं डाल सकती। अयोध्यावासियों के एक समूह ने पीठ से कहा कि विवाद का हल आपसी बातचीत के जरिए निकाला जाना चाहिए। इस पर पीठ ने कहा कि अगर पक्षकार आपस में कोई करार करना चाहते हैं, तो वे कर सकते हैं लेकिन हम कुछ नहीं कहेंगे।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को यह भी साफ कर दिया कि वह अयोध्या भूमि विवाद मसले में सिर्फ पक्षकारों की ही सुनेगा। तीन सदस्यीय पीठ ने इस मामले में किसी भी तीसरे पक्ष को शामिल करने से इनकार कर दिया। पीठ ने भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी की इस मामले में दखल देने की गुहार भी ठुकरा दी।
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