निकाय चुनाव में भाजपा का दबदबा, ठाकरे बंधुओं का गठबंधन भी चित्त

महाराष्ट्र निकाय चुनाव में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन ने एकतरफा जीत हासिल कर विपक्षियों को चारों खाने चित्त कर दिया है। एक बार फिर भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और भाजपा ने अकेले 117 सीटों पर जीत दर्ज की है। निकाय चुनाव के नतीजे राज्य की राजनीति के बारे में जानिए क्या कह रहे हैं।

महाराष्ट्र निकाय चुनाव के नतीजे रविवार को जारी हो गए। इन नतीजों में भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को बंपर जीत मिली है। महायुति गठबंधन ने 288 सीटों में से 207 सीटों पर जीत दर्ज की है। यह महाराष्ट्र की जमीनी राजनीति पर भाजपा की पकड़ को दिखाता है। वहीं विपक्ष निकाय चुनाव में बुरी तरह से असफल रहा और 50 सीटों का आंकड़ा मुश्किल से छू पाया है। विपक्ष ने एक बार फिर से चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं। हालांकि नतीजों से साफ है कि महाराष्ट्र की जनता ने ठाकरे बंधुओं के गठजोड़ को भी नकार दिया है। आइए जानते हैं कि महाराष्ट्र निकाय चुनाव के नतीजें क्या बता रहे हैं।

बीएमसी चुनाव से पहले महाविकास अघाड़ी को बड़ा झटका

मुंबई निकाय चुनाव अगले महीने 15 जनवरी को होने हैं। जिस पर सभी की निगाहें हैं। पहले चरण के नतीजों से भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन बेहद उत्साहित होगा, वहीं लंबे समय से बीएमसी पर काबिज शिवसेना यूबीटी के लिए ये नतीजें खतरे की घंटी हैं।

महाराष्ट्र में लगातार बढ़ रही भाजपा की संगठनात्मक ताकत

एक समय महाराष्ट्र में शिवसेना सबसे बड़ी पार्टी थी। भाजपा के साथ गठबंधन में भी शिवसेना बड़े भाई की भूमिका में थी, लेकिन धीरे-धीरे भाजपा ने महाराष्ट्र में अपनी पकड़ मजबूत की है और अब भाजपा राज्य की सबसे बड़ी पार्टी है। बीते कुछ विधानसभा चुनावों में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। अब जमीनी स्तर पर भी भगवा पार्टी का दबदबा उसकी राज्य में संगठनात्मक ताकत को दर्शा रहा है।

पहले चरण के निकाय चुनाव में भाजपा ने 117 नगर निकाय और नगर पंचायतों के अध्यक्ष पद का चुनाव जीता है। वहीं 3300 पार्षद सीटों पर जीत दर्ज की है। इस तरह भाजपा ने अकेले कुल सीटों में से 48 प्रतिशत पर जीत दर्ज की है। महायुति की अन्य पार्टियों की बात करें तो शिवसेना ने 53 और एनसीपी ने 37 सीटों पर जीत दर्ज की है। कांग्रेस पार्टी 28 सीटों पर जीत सकी है और उद्धव ठाकरे की शिवसेना यूबीटी सिर्फ 9 और शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी एसपी महज 7 सीटों पर जीत दर्ज कर सकी है।

‘जमीनी स्तर पर लोगों से जुड़ने और विकास की सोच ने भाजपा को दिलाई जीत’

महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण ने कहा कि राज्य भर में भगवा पार्टी के जमीनी स्तर पर लोगों से जुड़ने और विकास वाली सोच ने उसे स्थानीय निकाय चुनावों में जीत दिलाने में मदद की। रविवार रात ठाणे जिले के कल्याण शहर में एक पार्टी बैठक को संबोधित करते हुए चव्हाण ने कहा, ‘जैसे ही चुनावों की घोषणा हुई, भाजपा कार्यकर्ता घर-घर गए और लोगों को केंद्र और राज्य सरकारों की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताया। उन्होंने लोगों का भरोसा जीता, और इसी समर्पण का नतीजा यह निर्णायक जीत है।’ राज्य भाजपा प्रमुख ने पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और महिला विंग के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि पार्टी ने जिन 236 सीटों पर चुनाव लड़ा था, उनमें से 134 सीटों पर मिली सफलता स्थानीय स्तर पर दिखाए गए समर्पण को दर्शाती है। उन्होंने कहा, ‘यह जीत हमारे संगठन के सामूहिक प्रयासों का प्रतीक है।’

‘जन केंद्रित विकास की सोच में लोगों का भरोसा’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र निकाय चुनाव में मिली प्रचंड जीत पर खुशी जताते हुए कहा कि यह जन केंद्रित विकास की सोच में लोगों के भरोसे को दिखाता है। सोशल मीडिया पोस्ट में पीएम मोदी ने लिखा, ‘महाराष्ट्र विकास के साथ मजबूती से खड़ा है। नगर परिषद और नगर पंचायत चुनाव में भाजपा और महायुति को आशीर्वाद देने के लिए महाराष्ट्र की जनता को हृदय से धन्यवाद।’

इन क्षेत्रों में महायुति मजबूत

महायुति ने पश्चिमी महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, कोंकण और उत्तरी महाराष्ट्र में अच्छा प्रदर्शन किया, वहीं कुछ जगहों पर विरोध भी देखने को मिला। विदर्भ में, गठबंधन ने 100 में से 73 पदों पर जीत हासिल की, जिसमें कांग्रेस ने चंद्रपुर जिले में उल्लेखनीय जीत दर्ज की।

अजित पवार की एनसीपी ने पुणे में बनाया दबदबा

अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने पुणे जिले और बारामती में खास ताकत दिखाई, और वहां लड़े गए ज़्यादातर नगर पालिका अध्यक्ष पदों पर जीत हासिल की। यह प्रदर्शन स्थानीय स्तर पर अजि पवार की पकड़ को मजबूत करता है। साफ है कि जमीनी स्तर पर अजित पवार, शरद पवार की पार्टी की तुलना में ज्यादा स्वीकार्य हो गए हैं।

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