नई दिल्ली: लाभ का पद के चलते चुनाव आयाग की सिफारिश पर विधानसभा की सदस्यता के अयोग्य ठहराए गए आप के 20 सदस्यों ने चुनाव आयोग के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में पहले से दायर की गई अपनी याचिका वापस ले ली है.
याचिका वापस लेने की ये है वजह
आम आदमी पार्टी के विधायकों ने लाभ का पद रखने के लिए अपने खिलाफ की गई शिकायत पर सुनवाई जारी रखने के चुनाव आयोग के फैसले को पिछले साल अगस्त में चुनौती दी थी. विधायकों ने कहा था कि जब हाईकोर्ट संसदीय सचिवों के तौर पर उनकी नियुक्तियां रद्द कर चुका है, तो चुनाव आयोग के मामले में सुनवाई की कोई जरूरत नहीं है.
वृहद पीठ के समक्ष दायर है एक अन्य याचिका
विधायकों ने जस्टिस रेखा पल्ली के समक्ष कहा कि वे पूर्व में दायर अपनी याचका वापस लेने जा रहे हैं, क्योंकि उन्होंने हाईकोर्ट की एक वृहद पीठ के सामने अपनी अयोग्यता को चुनौती दी है.
दूसरे पक्ष से किसी तरह का विरोध ना होने पर अदालत ने चुनाव आयोग के 23 जून, 2017 के फैसले को चुनौती देने वाली विधायकों की याचिका ‘वापस ली हुई मानकर खारिज’ कर दी. प्रशांत पटेल नाम के एक व्यक्ति ने आप के 21 विधायकों के खिलाफ चुनाव आयोग में लाभ के पद से जुड़ी याचिका दायर की थी.