नई दिल्ली : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प सरकार में रक्षा मंत्री का अहम ओहदा संभाल रहे जेम्स मैटिस कल भारत आ रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति पहले ही भारत को अपना अहम साझेदार बता चुके हैं। चाहे होवित्जर तोपों की डील हो या फिर अपाचे और चिनूक हेलीकॉप्टर की डील, अमेरिका भारत के साथ अपने संबंध अगले स्तर तक ले जा रहा है। इसी कोशिश को धार देने के लिए मैटिस का ये दौरा महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

बताया जा रहा है कि अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस अपनी इस यात्रा के दौरान F-16 लड़ाकू विमान, ड्रोन डील के साथ अफगानिस्तान की सुरक्षा को लेकर चल रही चिंताओं पर विस्तार से बात करेंगे। भारतीय सेना और अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने पर जोर देने वाले मैटिस अपनी यात्रा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलेंगे। इसके अलावा वे रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और NSA अजीत डोभाल से भी मुलाकात करेंगे।
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मीडिया में चल रही खबरों की मानें तो इस यात्रा का मकसद भारत और अमेरिकी सैन्य संबंधों को और आगे बढ़ाना है। हालांकि, ये भी बताया जा रहा है कि मैटिस की दो दिवसीय यात्रा के दौरान किसी खास रक्षा व्यापार समझौते की घोषणा नहीं होने जा रही है। उन्होंने बताया कि पीएम मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के तहत आने वाले एफ-16 और एफ-18ए के दो विशिष्ट प्रस्तावों पर चर्चा होगी। इसके अलावा महत्त्वकांक्षी डिफेंस टेक्नॉलजी ऐंड ट्रेड इनिशटिव्ज (डीटीआईआई) परियोजना के तहत नई परियाजनाओं की पहचान करने के प्रयास भी किए जाएंगे।
आपको बता दें कि ट्रंप सरकार, अमेरिकी कंपनियों बोइंग और लॉकहीड मार्टिन द्वारा बनाए गए F-18 और F-16 फाइटर जेट्स भारत को बेचना चाहता है। दोनों कंपनियों ने इन विमानों की असेंबलिंग भारत में करने की पेशकश की है। अपनी यात्रा से पहले मैटिस ने पेंटागन में अमेरिका में भारत के राजदूत नवतेज सरना से भी मुलाकात की।
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