अमेरिका के वर्जीनिया में बीते सप्ताह श्वेत श्रेष्ठतावादियों की रैली के दौरान भड़की हिंसा से सभी सदमे में हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि अमेरिका में इस तरह के अपराधों में तेज वृद्धि हुई है. आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी का उपयोग कर हेट क्राइम पर नजर रखने के लिए बनाई गई गूगल की वेबसाइट ने यह खुलासा किया है.
पत्रिका ‘फॉर्चून’ के मुताबिक, गूगल ने अपनी ही एक वेबसाइट ‘न्यूजलैब’ और डेटा विजुअलाइजेशन स्टूडियो ‘पिच इंटरैक्टिव’ के साथ मिलकर हेट क्राइम से जुड़ी खबरें एक जगह इकट्ठी करने और उन्हें शीर्षक, विषय और तारीख के आधार पर सर्च किए जा सकने योग्य बनाने के लिए ‘द डॉक्यूमेंटिंग हेट न्यूज इंडेक्स’ लॉन्च किया था.
गैर-लाभकारी समाचार वेबसाइट ‘प्रो पब्लिका’ के अनुसार, वास्तव में अमेरिका में हेट क्राइम सामान्य बात हो चुकी है. प्रो पब्लिका अपनी रिपोर्ट में कहता है, ‘यह सिर्फ एक सूची भर नहीं है, बल्कि इस साइट पर घृणा अपराधों से जुड़ी खबरें तारीख के अनुरूप तलाशी जा सकती हैं और समय के साथ घृणा अपराधों से जुड़ी खबरों में उतार-चढ़ाव को भी दिखाती है.’
वैज्ञानिको को मिली बड़ी उपलब्धि, अब खून से लगाया जा सकता है कैंसर का पता…
चारलोट्सविले में हुई हिंसा तो मीडिया में सुर्खियां बनी, लेकिन मई में पोर्टलैंड में मुस्लिमों के खिलाफ हुई हिंसा पर मीडिया ने आंखें बंद रखीं, जिसमें दो व्यक्तियों की मौत हो गई थी.
एक अध्यापक द्वारा एक युवा छात्रा का हिजाब खींचकर फाड़ देने की घटना हो या एक श्वेत श्रेष्ठतावादी द्वारा एक युवा अश्वेत सैन्य अधिकारी की हत्या की वारदात, मीडिया के आकर्षण का केंद्र नहीं बन सका.
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी आधारित गूगल की यह वेबसाइट मशीन लर्निंग के जरिए घृणा अपराध से जुड़ी किसी खबर की सामग्री और उस घटना की मंशा या संवेदना से जुड़ी अन्य सूक्ष्म जानकारियों का समझ लेती है.
सबसे मजेदार बात यह है कि घृणा अपराधों से जुड़ी खबरों को तलाशने के लिए डोनाल्ड ट्रंप सबसे प्रमुख कीवर्ड है. प्रो पब्लिका के अनुसार, घृणा अपराधों से जुड़ा कोई भी विश्वसनीय राष्ट्रीय स्तर का डेटाबेस उपलब्ध नहीं है.