अमेरिका ने विश्व के सभी देशों को साफतौर पर कहा है कि वो रूस से हथियारों से संबंधित कोई भी बड़ा समझौता करने से परहेज करें। भारत और अमेरिका के बीच हुई टू प्लस टू की वार्ता के बाद हुई साझा प्रेस कांफ्रेंस में अमेरिका की तरफ से ये बात कही गई है। आपको बता दें कि भारत के रक्षा मंत्री पांच दिवसीय यात्रा पर वाशिंगटन के दौरे पर हैं। वहीं इसी दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर भी वहां पर मौजूद थे। टू प्लस टू वार्ता के दौरान दोनों देशों के बीच कई मुद्दों पर वार्ता हुई है।
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने साझा प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि वो सभी देशों से इस बात की अपील करते हैं कि रूस के साथ हथियारों का कोई नया समझौता न करें। उन्होंने कहा कि खासतौर से रूस जिस तरह से यूक्रेन पर जंग थोपे हुए है उसको देखते हुए ये और भी जरूरी हो जाता है। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान ब्लिंकन से ये भी पूछा गया कि क्या रूस से मिसाइल डिफेंस सिस्टम एस-400 की खरीद के बाद अमेरिका भारत के खिलाफ प्रतिबंध लगाने पर विचार करेगा। इस सवाल के जवाब में ब्लिंकन ने कहा कि वो फिलहाल में CAATSA नियमों के तहत प्रतिबंधों को लगाने या न लगाने पर काम कर रहे हैं। उन्होंने ये भी माना कि भारत और रूस के संबंध काफी पुराने और बेहद मजूबत हैं। भारत और रूस के बीच हथियारों की खरीफ फरोख्त का एक लंबा इतिहास रहा है।
ब्लिंकन का कहना था कि ये तब संभव है जबकि हम एक दूसरे के साझेदार बनना चाहें। मौजूदा समय में हम दोनों ही ये चाहते हैं और अमेरिका भारत का सुरक्षा साझेदार बनना चाहता है। इस साझा प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए अमेरिकी रक्षा मंत्री लायड आस्टिन ने कहा कि भारत के साथ अमेरिका की बातचीत में सेना को अपग्रेड करने पर भी बात हुई है। अमेरिका भारत को सस्ती कीमत पर हथियार बेचने की तैयारी कर रहा है। भविष्य की तैयारियों पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में आस्टिन ने कहा कि वो इस बारे में भारत से संपर्क में है। अमेरिका देखेगा कि भारत की सेना को कैसे और अधिक अपग्रेड करने में अपनी मदद दे सकता है। बता दें कि मौजूदा दौर में चल रहे यूक्रेन-रूस विवाद में भारत ने खुद को तटस्थ बनाए रखा है। भारत ने रूस के खिलाफ अब तक लगाए गए प्रतिबंधों पर अपनी सहमति नहीं दी है।