एक अमेरिकी एजेंसी की रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि पाकिस्तान ने अपने परमाणु हथियारों को नौ ठिकानों पर छिपाकर रखा है। साथ ही यह आशंका भी जताई गई है कि ये हथियार आतंकी संगठनों के हाथ लग सकते हैं।
फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने 9 अलग-अलग ठिकानों में परमाणु हथियारों को छिपाकर रखा है। इस रिपोर्ट में संभावना जताई गई है कि परमाणु हथियारों को रखने की जगह उन सैन्य ठिकानों के नजदीक है जहां से इनकी लॉन्चिंग करने की व्यवस्था है।
फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स के एक अधिकारी के मुताबिक, पाकिस्तान सब-स्ट्रैटेजिक परमाणु हथियारगृह भी बना रहा है। इसके साथ ही पाककम दूरी की मारक क्षमता वाली ऐसी मिसाइल के निर्माण में जुटा जो परमाणु हमला करने में सक्षम हो। इन कम दूरी की मिसाइलों को क्षेत्रीय आयुध भंडारण संस्थानों में रखने और उन्हें असेंबल करने की व्यवस्था की जा रही है जिससे कि विपरीत परिस्थितियों में वहां इन्हें तैयार कर लॉन्चिंग बेस तक आसान और सुरक्षित तरीके से पहुंचाया जा सके।
फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स के एक अधिकारी के मुताबिक, पाकिस्तान सब-स्ट्रैटेजिक परमाणु हथियारगृह भी बना रहा है। इसके साथ ही पाककम दूरी की मारक क्षमता वाली ऐसी मिसाइल के निर्माण में जुटा जो परमाणु हमला करने में सक्षम हो। इन कम दूरी की मिसाइलों को क्षेत्रीय आयुध भंडारण संस्थानों में रखने और उन्हें असेंबल करने की व्यवस्था की जा रही है जिससे कि विपरीत परिस्थितियों में वहां इन्हें तैयार कर लॉन्चिंग बेस तक आसान और सुरक्षित तरीके से पहुंचाया जा सके।
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हालांकि जिन जगहों पर पाक के परमाणु हथियारों के छिपाए जाने की संभावना जताई गई है उनके बारे में भी कोई पुख्ता प्रमाण नहीं हैं। अमेरिका ने सेटेलाइट तस्वीरों, एक्सपर्ट्स स्टडीज और स्थानीय खुफिया रिपोर्ट्स के आधार पर नौ ठिकानों को चिन्हित किया है कि इन जगहों या उनके करीब परमाणु हथियारो को रखा गया है।
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पिछले महीने ट्रंप प्रशासन के एक आला अधिकारी ने बयान दिया था कि पाकिस्तान अपने परमाणु हथियार के जखीरे की गुणवत्ता और संख्या में तेजी से इजाफा कर रहा है। एक आंकड़े के मुताबिक उसके पास परमाणु हथियारों की संख्या 130 से 140 के बीच पहुंच गई है। लेकिन उन्हें जिन ठिकानों पर छिपाकर रखा गया है वहां से इनके आतंकी संगठनों के हाथ लगने या चोरी होने की संभावनाएं हैं। हालांकि अमेरिका का ध्यान मुख्य रूप से उन परमाणु हथियारों और उपकरणों पर रहता है जिनका इस्तेमाल युद्ध के दौरान किया जा सकता है। ऐसे में वह छोटे परमाणु भंडारण डिपो पर नजर नहीं रख सकता।