सुप्रीम कोर्ट ने आज अपने फैसले में कहा है कि मुस्लिमों में तीन तलाक के जरिए दिए जाने वाले तलाक की प्रथा ‘अमान्य’, ‘अवैध’ और ‘असंवैधानिक’ है. सुप्रीम कोर्ट ने 3:2 के मत से सुनाए गए फैसले में तीन तलाक को कुरान के मूल तत्व के खिलाफ बताया.
- यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन तलाक के फैसले पर कहा- हम इस फैसले का स्वागत करते हैं. इस फैसले से आधी आबादी को न्याय मिलेगा. महिला सशक्तिकरण की दिशा में की गई बेहतर शुरूआत है. इस मामले पर सरकार अपना स्टैंड पहले ही बता चुकी है. हम लोगों को लगता है कि ये एक अच्छी शुरूआत है.
- सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर शायरा बानो ने कहा- इस फैसले का स्वागत और समर्थन करती हूं. मुस्लिम महिलाओं के लिए बहुत ही ऐतिहासिक दिन है.
- सुप्रीम कोर्ट ने इस्लामिक देशों में तीन तलाक खत्म किये जाने का हवाला दिया और पूछा कि स्वतंत्र भारत इससे निजात क्यों नहीं पा सकता.
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर छह महीने में कानून नहीं बनाया जाता है तो तीन तलाक पर शीर्ष अदालत का आदेश जारी रहेगा.
- सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों से अपने मतभेदों को दरकिनार रखने और तीन तलाक के संबंध में कानून बनाने में केन्द्र की मदद करने को कहा.
- सुप्रीम कोर्ट ने उम्मीद जताई कि केंद्र जो कानून बनाएगा उसमें मुस्लिम संगठनों और शरिया कानून संबंधी चिंताओं का खयाल रखा जाएगा.
- तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने बैठक बुलाई.
- तीन तलाक को सुप्रीम कोर्ट ने बहुमत से असंवैधानिक करार दिया और आज से ही इसे खत्म किया. पांच में से तीन जजों ने तीन तलाक को असंवैधानिक बताया है. बाकी जो जजों ने इसे संसद पर छोड़ दिया है.
- जस्टिस खेहर ने कहा- तलाक-ए-बिद्दत संविधान के अनुच्छेद 14,15, 21 और 25 का उल्लंघन नहीं करता है. यहां आपको बता दें कि अनुच्छेद 14 और 15 हर नागरिक को समानता का अधिकार देते है. यानी जाति धर्म, भाषा या लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता. अनुच्छेद 21 हर नागरिक को सम्मान के साथ जीने का हक देता है.
- अगर इन 6 महीनों में कोई भी तलाक होता है तो उसे अवैध माना जाएगा.
- उन्होंने कहा, ”हमें देखना होगा कि सुन्नी-हनफी का एक बड़ा वर्ग है जो तीन तलाक को मान्यता देता है. इसलिए फिलहाल इसे एकदम खारिज कर देना सही नहीं होगा.”
- सुप्रीम कोर्ट ने 6 महीने के लिए तीन तलाक पर रोक लगाई. चीफ जस्टिस ने कहा कि इस पर संसद बनाए कानून.
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तीन तलाक से मुस्लिम महिलाओं को मिलेगी निजात, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला
- जस्टिस खेहर ने फैसला पढ़ना शुरू किया. कोर्ट रूम खचाखच भरा हुआ है और किसी भी पल आ सकता है तीन तलाक पर फैसला
- पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा- आज बहुत बड़ा दिन है, देखते हैं कि इस पर क्या फैसला आता है.
- तीन तलाक पर याचिका दायर करने वाली शायरा बानो ने कहा- मुझे उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला मेरे पक्ष में ही आएगा. समय बदल गया है और इस पर कानून जरूर बनना चाहिए. मेरे लिए भावनात्मक पल है. मेरे साथ जो होना था हो चुका लेकिन आगे आने वाली पीढ़ी के साथ न हो.
- उत्तराखंड की रहने वाली शायरा बानो को उनके पति रिजवान अहमद ने तलाक दे दिया था. तीन तलाक को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने वाली मुस्लिम महिला शायरा बानो ने बताया कि उसके पति ने छह बार उसका अबॉर्शन कराया था. इतना ही नहीं बानो ने कहा कि उसका पति खुद उनको गर्भनिरोधक गोलियां देता था.
आपको बता दें कि इससे पहले पांच जजों की संविधान पीठ ने 18 मई को इस पर फैसला सुरक्षित रखा था. इस व्यवस्था को खत्म करने के लिए मुस्लिम महिलाओं की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दलीलें रखी गई जबकि पर्सनल लॉ बोर्ड ने इसे धार्मिक मसला बताते बुए इस पर सुनवाई न करने की मांग की थी. केंद्र सरकार ने भी सुनवाई के दौरान तलाक ए बिद्दत यानी एक साथ तीन तलाक को खत्म करने की पैरवी की थी. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में 11 से 18 मई तक नियमित सुनवाई चली थी.
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी ओर से दिए गए हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा था कि वह तीन तलाक की प्रथा को वैध नहीं मानती और इसे जारी रखने के पक्ष में नहीं है. सुनवाई के दौरान कोर्ट के समक्ष ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने माना था कि वह सभी काजियों को अडवाइजरी जारी करेगा कि वे ट्रिपल तलाक पर न केवल महिलाओं की राय लें, बल्कि उसे निकाहनामे में शामिल भी करें.