यूपी विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद अखिलेश यादव को लगातार विरोध का सामना करना पड़ रहा है. पहले पिता मुलायम सिंह ने उन पर हमला बोला और अब एक और सपा नेता ने उन पर लेटर बम फोड़ा है. सपा के पूर्व सदस्य प्रदेश कार्यकारिणी सुधीर सिंह ने लेटर में लिखा है कि घमंड तो रावण का भी नहीं रहा तो हम आप क्या चीज हैं? हार से आपने कोई सबक नहीं लिया है. आप आप कुछ लोगों के चंगुल में फंसे हुए हैं.
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सपा नेता ने लिखा कि आप हार की मंडलवार समीक्षा कर रहे हैं, लेकिन आपको 5 सालों से आपकी सरकार चलाने वाले 9 रत्नों के गुट की बूथवार समीक्षा करना चाहिए. जिनके पास साइकिल नहीं थी, वे अब बीएमडब्ल्यू के काफिले में चल रहे हैं. आपके 9 रत्नों ने आपको यह समझा दिया कि आपकी लहर 2014 की मोदी लहर से भी ज्यादा चल रही है और आप इन चाटुकारों की द्वारा बनाई गई काल्पनिक लहर में गोते लगाकर दोबारा सीएम बनने के सपने देखते रहे. इस घंमड में चूर होकर आपने संघर्ष के बलबूते पार्टी को खड़े करने वाले शिवपाल यादव को दो-दो बार बेइज्जत करके बाहर निकाला.
रामगोपाल को कहा शकुनि
सुधीर ने आगे लिखा कि जिस मुलायम सिंह ने अपनी जीवनभर की कमाई आपको सौंप दी, शकुनि रामगोपाल यादव के कहने पर उन्हें अध्यक्ष पद से हटा दिया गया. एक जनवरी को जनेश्वर मिश्र पार्क में हुआ सम्मेलन आपके पतन का कारण था. उस दिन अधिकांश समाजवादियों के घर चूल्हे नहीं जले. आपके सामने चाचा और आपके पिता को गालियां पड़ती रहीं और आप मुस्कराते रहे. आप घमंड में इतने चूर थे कि चार-चार बार विधायक रहे लोगों का टिकट काटकर कल के लड़कों को टिकट दे दिया. इस लेटर में अखिलेश के काम को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं.
इससे पहले शिवपाल ने अखिलेश पर निशाना साधते हुए कहा था कि जो अपने मां-बाप का सम्मान नहीं करता वह जीवन में तरक्की नहीं कर सकता. साथ ही यह भी कहां कि नई पीढ़ी को नैतिकता और संस्कारों पर चलना चाहिए. मुलायम ने अपने गृहजिले मैनपुरी में पार्टी के एक कार्यक्रम में अखिलेश के बारे में कहा था कि जो अपने पिता का नहीं हो सका, वो किसी का क्या होगा. मुलायम ने कहा कि उन्होंने चुनाव जीतने पर अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाया. देश में किसी और नेता ने अब तक ऐसा नहीं किया लेकिन अखिलेश ने अपने चाचा को ही मंत्रिमंडल से हटा दिया. मुलायम ने हाल के चुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन पर भी बात की.