उनकी निगरानी में मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस, अर्ध सैनिक बल तथा अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी डेरे के अंदर जाएंगे और तलाशी ली जाएगी। हाईकोर्ट ने पवार को विशेष अधिकार देते हुए स्पष्ट किया कि यदि उन्हें किसी भी विषय के विशेषज्ञ जैसे फॉरेंसिक साइंस व अन्य की जरूरत होगी तो वह उन्हें उपलब्ध करवाया जाएगा।
डेरे की पूरी तरह जांच करने के बाद पवार अपनी रिपोर्ट सील बंद कर हाईकोर्ट तथा हरियाणा सरकार को सौंपेंगे।
गौरतलब है कि हरियाणा सरकार ने राम रहीम के डेरे को भेदने की तैयारी तो कर ली थी, लेकिन वह कुछ भी अपने सिर नहीं लेना चाहती। इसलिए सरकार ने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा कि सरकार को डेरे की जांच के बारे में योजना बताने को कहा था।
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सरकार ने याचिका में कहा कि डेरा को भेदने की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी हो, इसलिए अदालत के आदेश और एक न्यायिक अधिकारी की नियुक्ति की जाए। हरियाणा सरकार की ओर से दाखिल अर्जी को लेकर एडवोकेट जनरल बीआर महाजन जस्टिस सूर्यकांत पर आधारित खंडपीठ के समक्ष पहुंचे थे।
बता दें कि गुरमीत राम रहीम की गिरफ्तारी के बाद से ही लगातार डेरे की जांच का दबाव बढ़ता जा रहा था। इस दबाव के बीच ही हरियाणा सरकार ने यह काम खुद करने के स्थान पर हाईकोर्ट के आदेशों के अधीन करना चाहती है।
डेरे को लेकर कई किस्से, कहानियां चर्चा में हैं। इसमें गुफा से लेकर डेरे में हथियार होने की बात कही जाती है। हरियाणा सरकार को हाईकोर्ट से जांच की अनुमति और ज्यूडीशियल ऑफिसर की नियुक्ति के आदेश मिल गए हैं तो ऐसे में अब डेरे से जुडे़ हर राज से पर्दा उठ जाएगा।
इसके साथ ही डेरे से जुड़ी मिलिट्री इंटेलिजेंस की रिपोर्ट कितनी सार्थक है, इसका भी खुलासा हो जाएगा। मिलिट्री इंटेलिजेंस की एक रिपोर्ट कोर्ट के सामने एक अन्य केस की सुनवाई के दौरान रखी गई थी। उस रिपोर्ट के अनुसार डेरे में लोगों को मिलिट्री ट्रेनिंग और वहां बड़ी संख्या में हथियार होने की आशंका जताई गई थी।
इसके बाद हाईकोर्ट ने स्व संज्ञान लेते हुए हरियाणा-पंजाब के सभी डेरों की जांच के आदेश दिए थे। उस मामले में कुछ सामने नहीं आया था और केस का निपटारा कर दिया गया था।