केंद्र की मोदी सरकार ने सभी सरकारी कर्मचारियों को खुश करने वाला आदेश जारी किया है। मोदी सरकार ने आदेश जारी किया है कि सरकारी कर्मियों को उनके जीपीएफ का भुगतान तय वक्त पर ही किया जाएगा। इस काम में हीलाहवाली करने वाले अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के भी निर्देश दिए गए हैं।
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कुल मिलाकर मोदी सरकार सरकारी कर्मियों को देरी से होने वाले जीपीएफ भुगतान को लेकर काफी सख्त हो गई है। मोदी सरकार ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा है कि जीपीएफ के भुगतान में देरी के सभी मामले में जो भी संबंधित अधिकारी हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सरकार ने ये कदम सरकारी कर्मचारियों की लगातार मिल रही शिकायतों के बाद उठाया है।
दरअसल, मोदी सरकार को इस तरह की शिकायतें मिल रही थीं कि सरकारी कर्मचारियों के रिटायरमेंट के बाद भी उनके जीपीएफ का भुगतान नहीं हो पा रहा है। जबकि तय नियमों के मुताबिक अगर जब तक जीपीएफ का भुगतान रिटायरमेंट के बाद नहीं किया जाता है तब तक भविष्य निधि का भुगतान नहीं हो सकता। ऐसे में उस पर सरकार को ब्याज देना पड़ता है। इस तरह के मामलों में सरकार के सामने दो तरह की दिक्कतें पेश आ रही थीं। पहली ये कि कुछ अफसरों की लापरवाही की वजह से सरकारी कर्मचारी बेवजह अपनी जमा पूंजी को निकालने के लिए परेशान होता था। दूसरे जीपीएफ के भुगतान में देरी की वजह से सरकार पर ब्याज का बोझ भी बढ़ रहा था। जिसके बाद सरकार ने ये आदेश जारी किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के कर्मिक मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि जीपीएफ का भुगतान तय वक्त पर ही सुनिश्चित किया जाए। ताकि ब्याज के कारण बेवजह के वित्तीय बोझ से सरकार को बचाया जा सके। कार्मिक मंत्रालय की ओर से जारी ओदश के मुताबिक अब ये फैसला किया गया है कि जीपीएफ पर रिटायरमेंट की तारीख के बाद ब्याज का भुगतान आवश्यक रूप से संबंधित मंत्रालय के सेक्रेटरी के ध्यानार्थ और विचारार्थ रखा जाएगा। ताकि इस पर बेहतर ढंग से निगरानी की जा सके। कार्मिेक मंत्रालय की ओर से सभी केंद्रीय विभागों को भेजे आदेश में कहा गया है कि ऐसे मामलों में संबंधित मंत्रालय या डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी सभी स्तरों पर जवाबदेही तय करेंगे।
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मोदी सरकार के इस आदेश का मकसद ये है कि उन अफसरों या फिर कर्मचारियों के खिलाफ जरुरी कार्रवाई की जाए जिनकी वजह से सरकारी कर्मचारियों को तय वक्त पर उनके जीपीएफ का भुगतान नहीं हो पाता है। जाहिर है सरकार के इस फैसले से देश में मौजूद सरकारी कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी। इसके साथ ही उन अफसरों और कर्मचारियों पर भी नकेल कसेगी जो इन कर्मचारियों के जीपीएफ के भुगतान में देरी की वजह बनते हैं। देश में इस तरह की कई शिकायतें रोजाना केंद्र सरकार के पास पहुंचती हैं। जबकि तमाम लोग सुनवाई ना होने के डर से शिकायत ही नहीं करते हैं। लेकिन, सरकार का साफ तौर पर कहना है कि अगर उनके भुगतान में किसी भी तरह की कोई हीलाहवाली की जा रही है कि वो सरकार से जरुर शिकायत करें।