न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक अमरीकी उपग्रह ने भी हस्तांतरण की तस्वीरों को कैद किया है। इसके मुताबिक नवंबर में यूएस ट्रेजरी ने इन तस्वीरों को जारी किया था। हालांकि ट्रेजरी ने तब लाइटहाउस विनमोर का नाम नहीं लिया था। गौरलतब है कि अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के चीन पर उत्तर कोरिया को गुपचुप मदद पहुंचाये जाने का आरोप लगाने के बाद यह रहस्योद्घाटन हुआ है।
ट्रंप के आरोप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक ट्वीट कर कहा था कि वो चीन के उत्तर कोरिया को तेल भेजने की रिपोर्ट सामने आने को लेकर ‘बेहद निराश’ हैं। ट्वीट में उन्होंने लिखा कि चीन को रंगे हाथों पकड़ा गया है। उन्होंने कहा कि यदि उत्तर कोरिया को तेल आपूर्ति की जाती रही तो कोरिया संकट का कभी भी शांतिपूर्वक समाधान नहीं हो सकता है। इससे पहले चीन ने उत्तर कोरिया को पर लगे संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों का उल्लंघन करने के आरोपों को नकार दिया था।
बीते सप्ताह संयुक्त राष्ट्र में पारित नए प्रतिबंधों के तहत उत्तर कोरिया के लिए तेल निर्यात को 90 प्रतिशत तक कम कर दिया गया था। चीन ने अमेरिका के इस प्रस्ताव का संयुक्त राष्ट्र में समर्थन किया था। ये प्रतिबंध उत्तर कोरिया के विवादित बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को रोकने के लिए लगाए गए हैं। उत्तर कोरिया अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को धता बताते हुए लगातार मिसाइल परीक्षण करता रहा है।
दक्षिण कोरिया के समाचारपत्र चोशुन इल्बो ने एक रिपोर्ट में कहा था कि चीन के तेल टैंकर गुप्त रूप से उत्तर कोरिया को तेल दे रहे हैं। इस रिपोर्ट के बाद ही राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन पर तल्ख़ तेवर अपनाए हैं। दक्षिण कोरिया के अधिकारियों के हवाले से इस रिपोर्ट में कहा गया था कि अमेरीकी खुफ़िया सैटेलाइट ने अक्तूबर के बाद से लगभग तीस बार चीन के टैंकरों को उत्तर कोरिया को तेल देते हुए फिल्म किया है।
उत्तर कोरिया के मुख्य व्यापारिक सहयोगी देश चीन बार-बार कहता रहा है कि वह संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों का समर्थन करता है। चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता रेन ग्वाकियांग ने पत्रकारों के टैंकर से टैंकर तेल सप्लाई के सवाल पर कहा, “आप जैसे हालातों की बात कर रहे हैं वो किसी भी सूरत में मौजूद ही नहीं हैं।”
वहीं अमेरीकी विदेश विभाग के प्रवक्ता माइकल केवी ने सभी देशों से उत्तर कोरिया के साथ व्यापारिक संबंध खत्म करने का फिर से आह्वान किया। उन्होंने कहा, “हम चीन से उत्तर कोरिया से सभी आर्थिक संबंध खत्म करने की अपील करते हैं, इसमें पर्यटन और तेल उत्पादों का लेनदेन भी शामिल है।”
इसी बीच गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उत्तर कोरिया के चार जहाजों को बंदरगाह इस्तेमाल करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। शक है कि इन जहाजों पर प्रतिबंधित उत्पाद लदे हैं। अब तक संयुक्त राष्ट्र आठ उत्तर कोरिया जहाजों को ब्लॉक कर चुका है। उत्तर कोरिया पर संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ और अमरीका के कई तरह के प्रतिबंध पहले से ही लगे हुए थे।
ताजा प्रतिबंध 28 नवंबर को किए गए बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण के जवाब में लगाए गए हैं। अमरीका का कहना है कि उत्तर कोरिया के इस मिसाइल ने अब तक की सबसे अधिक ऊंचाई हासिल की थी। ताजा प्रतिबंधों के जवाब में उत्तर कोरिया ने कहा है कि ये युद्ध छेड़ने जैसे हैं। अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप इससे पहले उत्तर कोरिया को पूरी तरह बर्बाद करने की धमकी दे चुके हैं। उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने अमरीकी राष्ट्रपति को मानसिक रूप से बीमार कह चुके हैं।