नई दिल्ली: एसीजेएम ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने एक क्रिमिनल केस में पिछले कई सालों से गैरहाजिर चल रहे अभियुक्त रविदास मेहरोत्रा को भगोड़ा घोषित किया है।
साथ ही उनके खिलाफ एक बार फिर से गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया है। मेहरोत्रा सूबे की सपा सरकार में मंत्री हैं। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 29 जनवरी की तारीख तय की है।
मामला थाना महानगर से संबधित है। 9 अगस्त, 2002 को रविदास मेहरोत्रा व अन्य मुल्जिम अकबर नगर इलाके में अवैध निर्माण हटाने के लिए जारी विभागीय नोटिस के विरोध में कुकरैल बंधे के पास एकत्र हुए थे। जहां उन्होंने रास्ता अवरुद्ध कर दिया। प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। इससे आम जनता को भारी परेशानी व शांति व्यवस्था भी प्रभावित हुई। इस मामले में पूर्व विधायक डीपी बोरा भी आरोपी थे।
2 अगस्त, 2014 को जुर्म स्वीकार करने पर अदालत ने उन्होंने 200-200 रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई थी। 24 जनवरी, 2016 को पांच दूसरे मुल्जिमों ने भी अपना जुर्म स्वीकार कर लिया। अदालत ने उन पर 100-100 रुपए का अर्थदंड लगाया। इस मामले की प्राथमिकी थाना प्रभारी महानगर ओमवीर सिंह ने दर्ज कराई थी।